रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडौरी के गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। छोटे छोटे किराए पे लिए दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। इलाज किए जाने के बाद अगर मरीज की हालत बिगड़ती है तो उसे आनन फानन में स्वास्थ्य केन्द्र या जिला अस्पताल रेफर कर भेज दिया जाता है। जिसकी रोकथाम के किए पत्रकारों ने कलेक्ट्रेड में मीटिंग के दौरान डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा को जानकारी दी थी। जिसके बाद अब डिंडौरी में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही होना सुरु हो गया है।
इसी के साथ शुक्रवार को मेहदवानी थाना छेत्र के ग्राम पंचायत हर्रा में एक झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मेहदवानी तहसीलदार नीलम श्रीवास वा स्वास्थ्य विभाग के बी.एम.ओ. और फर्मासिस्ट सौरभ चौरसिया द्वारा मौका पर पहुचे जिसमे काफी मात्रा में दवाई गोली इंजेक्शन पाया गया कुछ तो एक्सपेरिडेट दवाइयां भी मिली। तहसीलदार मेडम के कहने पर अवैध किलिनीक को सील कर दिया गया। मेहदवानी थाना छेत्र में जितने भी झोलाछाप डॉक्टर अवैध रूप से इलाज कर रहे हैं उनपर भी टीम गठित कर जल्द कार्यवाही की जाने की भी बात कही गई।
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