घटिया सामग्री से निर्माण कार्य में विभागीय अमले की अघोषित मुहर
पुलिया निर्माण में हो रही अनियमितताएं
कंक्रीट के बदले पत्थर डाल कर रहे खानापूर्ति
जनपद पंचायत बजाग ग्राम पंचायत किकरातलाब का मामला
दैनिक रेवांचल टाइम्स डिंडोरी डिंडोरी जिला आदिवासी बाहुल्य जिला माना जाता है जहां मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा प्रत्येक जिलों में रोजगार के लिए अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं इसके बावजूद भी डिंडोरी जिले की अनेकों ग्राम पंचायत में उच्च अधिकारियों की सांठगांठ के चलते जमकर भ्रष्टाचार मचा हुआ है हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत जनपद पंचायत बजाग की वर्तमान में अनियमितताओं और घटिया निर्माण कार्य को लेकर सुर्खियों पर है जहां एक ओर जनपद पंचायत अध्यक्ष और जनपद पंचायत बजाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के बीच असमंजस की स्थिति है वहीं दूसरी ओर तकनीकी अमले की संलिप्तता जनपद स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत ग्राम पंचायत किकरातलाब में पुलिया निर्माण कार्य में नियम को ताक में रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें सरपंच सचिव की मनमानी के चलते खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पंचायत में शासन के नियम निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही है पर मजाल है कि जनपद पंचायत बजाग के उच्चाधिकारियों और तकनीकी अमले की आंखों में दिखाई दे। ग्राम पंचायत किकरातलाब में बरसोद रोड़ पर बन रहे पुलिया का निर्माण कार्य घटिया होने के बाद भी अधिकारियों के चुप होने की वजह जेब मोटी करने के फिराक में मुंह पर पट्टी लगाकर बैठे हैं। वहीं दूसरी ओर तकनीकी अमला आंखों में पट्टी बांध कर बैठा है।
इसके अलावा जनपद पंचायत बजाग के ग्राम पंचायत किकरातलाब में रत्ना स्कूल के सामने हो रहे पुलिया निर्माण में पत्थर डालकर पत्थरों के सहारे घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है जबकि विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाना लाजिमी है। अनेक बेकार कार्यों में जहां नाले का कोई पता ही दोनों तरफ खेत दिखाई दे रहा और विभागीय अमला घूसखोरी कर मनमानी पूर्वक कार्य का सेंगसन कर दिया है। इसके अलावा उच्चाधिकारियों के संरक्षण के चलते ग्राम पंचायत कर्मियों के हौसले बुलंद होने के चलते खुलेआम घटिया सामग्री के निर्माण में मिट्टी वाली रेत एवं घटिया मटेरियल उपयोग कर निमार्णाधीन पुलिया में शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। लेकिन सरपंच, सचिव, एसडीओ, की हम बात करें तो वैसे तो एसडीओ साहब हमेशा से ही विवादों में घिरे रहे हैं सांठगांठ के चलते शासन और जनता के पैसा का जमकर दूरूपयोग किया जा रहा है।
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