मंडला 3 नवम्बर 2022
सहायक आयुक्त जनजातीय
कार्यविभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन
निवासी अधिनियम 2006 की धारा 3(1)(ड) में विशेष पिछड़ी जनजाति के प्राकृतिक पर्यावास के
सामुदायिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है। जिसके अनुसार जिले की विशेष पिछड़ी
जनजाति बैगा समुदाय के हैबीटेट राइट्स को मान्यता देने हेतु कलेक्टर हर्षिका सिंह
के निर्देशानुसार जनपद पंचायत बिछिया के अंतर्गत कन्हारी कला पंचायत के कलस्टर का
चयन कर 2 नवम्बर 2022 को ग्राम परिचर्चा का
आयोजन किया गया जिसमें कन्हारी कला पंचायत के आसपास के ग्राम कन्हारीकला, झुलुप, उमरिया वनग्राम, कन्हारीकलाखुर्द, गदिया, चंगरिया, दुधारी, खरपरिया, बरखेड़ा, कोसमपानी तथा
सुरेहला इत्यादि गांव के विशेष पिछड़ी जनजाती बैगा समुदाय के प्रतिनिधि एवं लोग तथा
संबंधित अधिकारी उपस्थित हुए। सर्वप्रथम बैगा समुदाय के एक बुजुर्ग नागरिक को बैठक
का मुखिया चयन किया गया तथा वनाधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुसार हेबीट राईट्
प्रदान किये जाने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई।
उक्त ग्रामों के बैगा
समुदाय के लोगों के द्वारा अपने आसपास जंगल वनभूमि का पीढ़ियों से किये जाने
निस्तार की जानकारी पारम्परिक बोली में प्रदान की गई। जिसमें उनके द्वारा बताया
गया हमारे पूर्वजों के समय से इस क्षेत्र के जंगलों पर निस्तार करते आ रहे हैं और
हमारा पूरा जीवन चक्र इन्ही जंगलों के बीच गुजरता है। जंगलों से ही हम अपनी
अजीविका के लिये लघु वनोपज संग्रहण करते हैं और उसका विक्रय कर ही अपनी एवं परिवार
की जीविका चलाते हैं। साथ ही इन्ही जंगलों में हमारे पूर्वजों द्वारा पूजा स्थान, शमशान घाट, गौठान इत्यादि चिन्हित किये गये हैं जिनका
निस्तार हम आज भी कर रहे हैं। इसके साथ ही उपरोक्त कन्हारी कला हेबीटेट राईट
कलस्टर का नजरी नक्शा सभी की चर्चा अनुसार तैयार किया गया जिसमें प्रमुख क्षेत्रों
का चिन्हांकन भी किया गया है। आगामी दिनों में पुनः इस क्षेत्र के बैगा समुदायों
के साथ और बैठकें निर्धारित की गई हैं जिसमें जानकारियों को लेखबद्ध करने की कार्ययोजना
तैयार की गई। ग्राम परिचर्चा की कार्यवाही में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव बैगा समुदाय के प्रतिनिधि एवं जिला स्तर से जनजातीय कार्य विभाग एवं
राजस्व विभाग अधिकारी उपस्थित रहे।
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