रेवांचल टाईम्स - नैनपुर कांग्रेस पार्टी के चाणक्य स्थानीय निकाय चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कहे जाने वाले खंडेलवाल ने सभी से नगर सत्ता से बाहर बिखरी पड़ी नैनपुर नगरपालिका में अपना वनवास कांग्रेस को एक जुट करने में खत्म करने के लिए सभी छोटे बड़े मंडला जिला कांग्रेस कमेटी के 70 वर्षीय पूर्व जिला अध्यक्ष सत्यनारायण खंडेलवाल ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नैनपुर नगर में भाजपा की सत्ता में बैठी युवा सरकार को जनता ने सिरे से नाकार दिया और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के रोड शो और सभा के बाद 15 वार्डो में से वो सिर्फ 4 वार्डो में सिमट कर रह गये। केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओ का लाभ भी इन युवा सरकार को सत्ता के नजदीक नही ले जा पाया।
नैनपुर नगर सत्ता हासिल करने के लिए मुददा विहीन कांग्रेस ने पूर्व में कांति लाल भूरिया के पुत्र के प्रदेश व्यापी आंदोलन में कांग्रेस एक जुट दिखाई दी लेकिन फिर कई गुटो में बंट गई। स्थानीय चुनाव में भी कई गुटो में बंटी कांग्रेस जैसे तैसे 5 और 1 निर्दलीय पार्षद के साथ आ तो गई लेकिन सभी को एकजुट कर पाना मुश्किल हो रहा
नगर कांग्रेस ने कार्यकर्त्ताओ को एक किया एक जुट
नैनपुर नगर में अपने 05 पार्षदो और भाजपा के बागी 04 पाषर्दों समेत 09 लोगो को लेकर तीर्थ यात्रा पर रवाना कर दिया। नतीजा सभी के सामने रहा। बता दे कि धन बल बाहूबल पिंडरई से आये नेताओ का गौर असर भी कुछ काम नही आया ।नैनपुर किंगमेकर बनकर उभरे खंडेलवाल से राजनीति में सारे दाव पेंच अपनाकर साम दाम दंड भेद नीति के तहत नैनपुर नगरपालिका जो कि भाजपा के मुख्यमंत्री प्रदेश अध्यक्ष और जिला मंडला के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जा रही थी, वहां पर अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनो को बैठा दिया। कई गुटों में बंटी कांग्रेस पार्टी का एकजुट किया। बाद में कई नेता अपना अपना श्रेय लेने की होड़ में नजर आये लेकिन स्थानीय कांग्रेस पार्टी की एक जुटता का नतीजा रहा, जिसमें 20 सालो के वनवास के बाद कांग्रेस को नगर की सत्ता हासिल हुई।
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