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Wednesday, October 12, 2022

दो दिवसीय नवाचार गोष्ठी में बालाघाट जिले से प्रदर्शनी लगाकर नवाचार की रखी बात





रेवांचल टाईम्स - कुलपति श्री त्रिपाठी ने चित्रगुप्त सागर महाकाव्य के बालाघाट के नवाचार को बढ़ाने दिया आश्वासन लांजी, प्रेरणा केन्द्र नवाचार गोष्ठी कक्ष इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक जिला अनूपपुर मप्र के तत्वावधान में 8 एवं 9 अक्टूबर को दो दिवसीय नवाचार उत्सव एवं प्रर्दशनी का शुभारंभ प्रोफेसर डॉ. श्रीप्रकाश मणी त्रिपाठी कुलपति एवं श्रीमती शीला त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार भास्कर रमन नैनपुर,  सारस्वत मुरली मनोहर श्रीवास्तव, विज्ञान प्रौद्योगिकी विद भुवन उपवंशी, वरिष्ठ पत्रकार हरीश लिल्हारे, अधिवक्ता वर्णन श्रीवास्तव, पराग जैन बालाघाट, पूरन छावड़ा पेंड्रा छत्तीसगढ़, केशव जी इन्दौर आदि की प्रमुख उपस्थिति में कुलपति द्वारा फीता काटकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया तथा प्रो आलोक पण्डिया, प्रो प्रशन्ना कुमार सामल, प्रो विजय नाथ मिश्रा, प्रो आशिष माथुर, प्रो विजय नाथ मिश्रा, रत्नेश श्रीवास्तव तथा विश्वविद्यालय के अन्य सहभागियों के साथ प्रदर्शनी में लगाये गये सभी स्टालों का निरीक्षण करते हुए सम्बंधित सभी नवाचार उत्पादों पर विस्तृत चर्चा की।

          कुलपति श्री त्रिपाठी और प्रोफेसरो की टीम विश्वविद्यालय के छात्रों के द्वारा प्लास्टिक के विकल्प बायो प्लास्टिक को जानने में खासी रुचि दिखाई साथ ही यहां चित्रगुप्त सागर महाकाव्य और अन्नदाता की आत्महत्या किताब का अवलोकन कर इसके लेखक सारस्वत मुरली मनोहर श्रीवास्तव से आवश्यक जानकारी ली, इसके अलावा वारासिवनी हथकरघा के कपड़ो की जानकारी लेने के बाद मंडला, डिंडोरी से बांस से निर्मित सामग्रियों की जानकारी ली, वहीं लेंटाना से निर्मित फर्नीचर और घरेलू सामग्रियों और घास से बनाये गए कलात्मक रोजगारोन्मुखी सामग्रियों की जानकारी भी ली।

   प्रदर्शनी उद्घाटन के उपरांत विश्वविद्यालय के कान्फ्रेस हाल में कुलपति श्री त्रिपाठी एवं सहकर्मी प्रोफेसरों की टीम के समक्ष बालाघाट, वारासिवनी, डिंडौरी, मण्डला, इन्दौर, पेंड्रा छत्तीसगड़ आदि स्थानों से आये नवाचार के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों की महत्वपूर्ण बैठक की गई। जिसमें बालाघाट के सारस्वत मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने चित्रगुप्त सागर महाकाव्य के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की गई। यहां इंजीनियर भुवन उर्फ बाबा उपवंशी ने पर्यावरण और जीव जंतुओं के लिए घातक प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर बायो प्लास्टिक जैव विघटित प्लास्टिक के निर्माण करने और इसके विस्तार की बात रखी। जिस पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा प्रकृति हित में इसके स्टार्च और दाना बनाने के संबंध में कार्य को विश्व विद्यालय द्वारा प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने का आश्वासन दिये। अधिवक्ता वर्णन श्रीवास्तव के द्वारा विश्वविद्यालय में कोर्स प्रारंभ कर अनुसूचित जनजाति में कानून की जानकारी बढ़ाने और अपने अधिकारों को लेकर जनजागृति लाने, विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई लॉ के विषय को प्रारम्भ करने की बात पर जोर दिया। इसी क्रम में सभी उपस्थित आगंतुकों द्वारा अलग अलग विषयों को लेकर अपनी अपनी बात रखी गयी। यहां विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर की टीम के द्वारा रखे गए विषयों पर नवाचार कार्यक्रम के तहत कार्यो के संपादन को लेकर आश्वस्त किये। कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान करने में अतुल्य तन्मय रमन भास्कर, मनीष झारिया, शिवानी सिंह, उमा गणेश लोधी, हेमंत भलावी, ओमप्रकाश यादव, संगम प्रजापति, प्राजंल सिंह, सुदर्शना भवेदी, साहिल साकेत, अनिकेत राम, शालिनी सिंह, रूपराम, जितेन्द ठाकुर एवं विश्वविद्यालय के छात्र और स्टाप का विशेष योगदान रहा।

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