जबावदारों की बेहौशी ने ले डूबा विकास भ्रष्टतंत्र धांधली करने पर उतारू, दम तोड़ चुका विकास.. - revanchal times new

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Thursday, October 6, 2022

जबावदारों की बेहौशी ने ले डूबा विकास भ्रष्टतंत्र धांधली करने पर उतारू, दम तोड़ चुका विकास..




रेवांचल टाईम्स - मंडला, मध्यप्रदेष की सरकार की संरक्षण में आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में धांधलीबाजों की बल्ले-बल्ले हो गयी है, इस जिले में सभी जन कल्याण की योजनाओं में खुलेआम भ्रष्ट सरकारी तंत्र के द्वारा धांधली-मनमानी और लापरवाही की जा रही है, जिसकी वजह से जिस उददेष्य को लेकर जन कल्याण के लिए जो भी सरकारी योजनाएं संचालित हो रही है, उन उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पा रही है बल्कि लगभग सभी विकास कार्य कागज में ज्यादा और हकीकत की धरातल में कम हो पा रहे हैं। कुल मिलाकर जबावदारों की बेहोशी के कारण सराकारी योजनाओं में सिर्फ फर्जीवाड़ा हो रहा है, और आवंटित धन की बंदरवाट की जा रही है। नेता इन्हें पूरा समर्थन प्रदान कर रहे हैं। भ्रष्टाचार से तंग जनता का आक्रोश दिन व दिन बढ़ता जा रहा है, और सरकार गहरी नींद से जागने की कोशिष भी नहीं कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन में फर्जीवाड़ा- देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जिस तरह से स्वच्छ भारत मिशन को हवा दी गई थी, इस मिशन को एक आंदोलन का रूप देने का प्रयास इनके द्वारा किया गया था जिसे मध्यप्रदेश की सरकार के इशारे पर मंडला जिले में पूरी तरह फ्लाप करने की साजिश कामयाब होती हुई दिखाई दे रही है। इस मिशन के अंतर्गत सिर्फ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है सारे काम कागजों में हो रहे हैं। एक भी गांव व नगर मंडला जिले में खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाये हैं, लेकिन सरकारी रिकार्ड में दिनों-दिन खुले में शौच मुक्त ग्रामों की संख्या बढ़ती जा रही है। मजे की बात यह है कि जिन ग्रामों को खुले में शौच मुक्त करने का दावा शासन प्रशासन द्वारा किया जा रहा है उन ग्रामों में न तो शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है और न ही खुले में शौच बंद हो पाया है। आज भी खुलेआम शौच किया जा रहा है। ग्रामों को मिशन अंतर्गत ओ.डी.एफ. करने के लिए पंचायतों में दबाव बनाया जा रहा है जबकि, जिन ग्रामों को ओ.डी.एफ. करने की तैयारी आनन-फानन में की जा रही है वे सभी ग्राम किसी भी परिस्थिति में ओ.डी.एफ. करने की स्थिति में नही है। नये-पुराने शौचालयों का कार्य पूरा नहीं किया जा रहा है। गंदगी चरम-सीमा में पहुंच गई है। उच्चाधिकारी भय मुक्त होकर फर्जीवाड़ा कर रहे है और सरकार पूरी तरह संरक्षण प्रदान कर ही है।

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