दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला ट्रांसफर और काउंसलिंग का अतिथि शिक्षकों पर न पड़े मार 12 अक्टूबर भोपाल आंदोलन में पहुंचे मंडला जिले से भी सैकड़ों अतिथि शिक्षक शासन की किसी भी नीति के लागू हो जाने के बाद भी कार्यानुभवी अतिथि शिक्षकों को सकूलों में कार्य से अलग नहीं किये जाने की मांग भोपाल नीलम पार्क 12 अक्टूबर बुधवार को हुए अतिथि शिक्षकों के विशाल आंदोलन में पुरजोर तरीके से उठाई गई है
अतिथि शिक्षक परिवार मंडला एवं अतिथि शिक्षक समन्वय समिति मध्यप्रदेश के संस्थापक पी.डी.खैरवार ने प्रदेश भर से भोपाल पहुंचे बीसों हजार अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाने की पैरवी भी की है। अतिथि शिक्षकों को नियमित रोजगार दिये जाने की वर्षों से चली आ रही लंबित मांग के साथ अब सरकार को इस मांग को पहले और तत्काल पूरा करना जरूरी शासन के हित में होगा।अब भी अतिथि शिक्षकों को काम से अलग किये जाने का सिलसिला बंद नहीं किया गया तो सरकार की अतिथि शिक्षक विरोधी इस तरह की नीतियों का विरोध दर्ज कराने गली-कूचों तक आंदोलन को लेकर जाने अतिथि शिक्षक मजबूर होंगे। जिस पर सभी अतिथि शिक्षकों की ओर से पूर्ण सहमति भी जताई गई है। आंदोलन में पहुंचे हर अतिथि शिक्षकों का कहना था,कि अतिथि शिक्षकों को कार्य से नहीं हटाये जाने सरकार तत्काल आदेश जारी करे।चूंकि जब से अतिथि शिक्षक व्यवस्था लागू हुई है,तभी से किसी भी समय अतिथि शिक्षकों को काम से अलग कर दिए जाने की नीति पर रोक नहीं लगाई जा सकी है।जिसके कारण ट्रांसफर,प्रमोशन,शिक्षक भर्ती काउंसलिंग आदि प्रक्रिया से अतिथि शिक्षकों का काम से हटाया जाना बदस्तूर जारी है। छः महीने पहले तो ट्रांसफर और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के चलते संपूर्ण मध्यप्रदेश में एकमुश्त लगभग चालीस हजार अतिथि शिक्षकों को काम से अलग होना पड़ा है।जो दर-दर ठोकरें खाने कोई भी काम ढूंढनते भटकने को मजबूर हैं।वही स्थिति वर्तमान में फिर निर्मित हो रही है।ट्रांसफर प्रक्रिया फिर जोरों पर चालू हो गई है।जिससे पंद्रह-पंद्रह वर्षों से लगातार काम करते अनुभवी हो चुके 18 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों को यकायक काम से अलग होना पड़ रहा है।लगभग 26500 शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी हो चुके आदेशानुसार शिक्षक भर्ती काउंसलिंग प्रक्रिया भी बहुत जल्द पूरी कर ली जाएगी।जिसके कारण इतने ही अतिथि शिक्षकों को जल्द ही काम से अलग होना पड़ेगा।इस तरह अतिथि शिक्षकों को नियमित रोजगार देने नीति बनाने विचार करना तो दूर अतिथि शिक्षकों को अतिथि शिक्षक बनाये रखने पर भी सरकार विचार नहीं कर पा रही है।जो अतिथि शिक्षकों के खेमें में भारी नाराजगी का विषय बना हुआ है।
आंदोलन के दौरान मंच साझा कर रहे सभी अतिथि शिक्षक वक्ताओं ने अतिथि शिक्षकों के स्थान सुरक्षित रखने की मांग पर प्राथमिक रूप से बल देते हुए नियमित रोजगार की मांग को दोहराई है।आंदोलन से शक्ति प्रदर्शन तो जबरदस्त हुआ ही,पर शासन की ओर से ऐसा कोई संदेश न ही कार्यवाही हुई,जिससे आंदोलन में पहुंचे बीसों हजार अतिथि शिक्षकों को राहत मिल सके।
आंदोलन का आवाहन आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ मध्यप्रदेश ने किया।जिसका समर्थन सभी संगठनों का मिला और आगे भी एक स्वर में संघर्ष को जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
मंडला जिले से राकेश चौधरी, अखिलेश बेंद्रे, सुल्तान यादव,हेमराज मसराम,रूमीना खान,राजू झरिया,राजन पीपरे,ओमन रजक, राजेंद्र भौंसले,कृष्ण कुमार वलके के नेतृत्व में सैकड़ों अतिथि शिक्षकों ने भोपाल पहुंचकर आंदोलन साझा कर आगे की रणनीति तैयार करने में भाग
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