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रेवांचल टाईम्स - आदिवासी जिले मण्डला मानव अधिकार संरक्षण की लगभग सभी संस्थायें मंडला जिले में मानव अधिकार के संरक्षण के लिए क्या कर रही हैं। यह जांच विषय हो जाने के बावजूद भी कोई जांच पड़ताल नहीं की जा रही है। सरकार स्वयं शोषण कर रही है और अपना काम करा कर दूध में गिरी मक्खी को निकालने जेैसी करतूत भी कर रही है। ऐसे सरकारी शोषण को रोकने की कोशिष मानव अधिकार संरक्षण के जबावदार क्यों नहीं कर रहे हैं ? अतिथि षिक्षक, साक्षर भारत मिशन के प्रेरक, आशा कार्यकर्ता सहित ऐसे तमाम लोग हैं जो कम दाम पर काम कर रहे हैं, जिन्हें आज तक मांग किये जाने के बावजूद भी नियमित नहीं किया जा रहा है। इनकी नियुक्ति स्थायी भी नहीं की जा रही है न इनका मानदेय बढ़ाया जा रहा है बल्कि इन्हें हटाने की साजिश रची जा रही है। इनका खुलेआम शोषण हो रहा है और वह भी सरकार कर रही है। फिर मानव अधिकार संरक्षण की सभी संस्थायें मूक दर्शक बनकर तमाशा क्यों देख रही है। क्या इनके अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है? अधिकांश लोगों का मानना है कि इसके अलावा कई तरह से मानव अधिकारों का हनन हो रहा है और जबावदार बेेहोशी का परिचय दे रहे हैं। जनापेक्षा है कि मानव अधिकारों का संरक्षण हर स्तर पर किया जावे ।
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