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Tuesday, October 11, 2022

स्त्रियों के अखंड सौभाग्य का रक्षक करवा चौथ व्रत गुरुवार को सिवनी में चंद्रोदय का समय रात्रि 8:14 बजे–पं. राकेश कुमार मिश्रा


दैनिक रेवांचल टाईम्स - इस वर्ष शुक्र अस्त होने के कारण प्रथम बार व्रत प्रारंभ करने वाली महिलाएं व्रत प्रारंभ ना करें ।



  ज्योतिष विशारद चेन्नई ने बताया की प्रतिवर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाएं करवा चौथ का व्रत धारण करती हैं शास्त्रों में बताया गया है कि जो सौभाग्यवती स्त्री (सुहागिन) इस व्रत को धारण करती है उसके सौभाग्य की रक्षा होती हैl शास्त्रों में बताया गया है कि करवा चौथ व्रत में गणेश सहित शिव -पार्वती एवं कार्तिकेय जी का भी पूजन होता है साथ ही चंद्रमा का पूजन कर उसे अर्घ प्रदान किया जाता है इस व्रत में सौभाग्यवती स्त्रियां दिनभर निर्जला व्रत धारण करती हैं और रात्रि के प्रथम पहर में चंद्रोदय के समय गणेश शिव पार्वती एवं कार्तिकेय तथा चंद्रमा की पूजन कर चंद्रमा को अर्घ देती हैं इस व्रत का सबसे प्रमुख विधान यह है कि इसमें रात्रि मैं ही चंद्रोदय के समय पूजन किया जाता है पूजन के उपरांत चंद्रमा की भी विधिवत पूजन की जाती है और उसे अर्घ प्रदान किया जाता है इस व्रत में चंद्रोदय होने तक व्रत करना अनिवार्य है रात्रि में चंद्रोदय के समय पूजन करके चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही व्रत को समाप्त करना चाहिए भूलकर भी चंद्रोदय के पहले व्रत का पारण नहीं करना चाहिए इस व्रत में चंद्रोदय का बहुत ही अधिक महत्व होता है एक पौराणिक कथा है कि पूर्व काल में वेद शर्मा नामक एक ब्राह्मण थे एवं उनकी पुत्री वीरावती ने अपने भाइयों के कहने से चंद्रोदय के पहले ही व्रत को समाप्त कर दिया था जिस कारण उनके पति की मृत्यु तुल्य अवस्था हो गई थी इंद्राणी के कहने से उस वीरावती ने पुनः दूसरे वर्ष विधिवत करवा चौथ का व्रत पूर्ण किया एवं चंद्रोदय के बाद ही व्रत को समाप्त किया जिससे उसका पति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया चंद्रोदय के होने के कुछ समय पहले से ही पूजन प्रारंभ कर देना चाहिए तथा चंद्रोदय होते-होते पूजन को समाप्त कर फिर चंद्रमा का पूजन करना चाहिए तथा चंद्रमा को अर्घ देना चाहिए चंद्रोदय होने के 15 - 20 मिनट के अंदर ही चंद्रमा को अर्घ देना चाहिए क्योंकि इस व्रत में तुरंत उदित हुए चंद्रमा को जिसे बाल चंद्रमा भी कहते हैं को अर्घ देने का बहुत ही अधिक महत्व है अधिक देर होने पर वृद्ध चंद्रमा को अर्घ देने का उतना अधिक महत्व नहीं है    चंद्रोदय का समय

 इस वर्ष गुरुवार 13 अक्टूबर को रात्रि 8:14 बजे l इस वर्ष कार्तिक कृष्णा चतुर्थी तिथि सूर्योदय से लेकर पूरे दिन भर एवं अर्ध रात्रि उपरांत रात्रि अंत 3:08 बजे  तक विद्यमान रहेगी इसी चतुर्थी की रहते हुए रात्रि 8:14 बजे चंद्रोदय होगा शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ व्रत उसी दिन किया जाता है जिस दिन चतुर्थी तिथि चंद्रोदय के समय हो इस वर्ष गुरुवार 13 अक्टूबर को चंद्रोदय के समय पूर्ण रूप से चतुर्थी तिथि विद्वान रहेगी अतः गुरुवार को करवा चौथ मनाना पूर्णता शास्त्र सम्मत एवं शुभ फलदायक है ।

इस वर्ष इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जो महिलाएं प्रथम बार व्रत का प्रारंभ करना चाहती हैं वे इस वर्ष व्रत प्रारंभ ना करें क्योंकि इस वर्ष वर्तमान में शुक्र ग्रह अस्त चल रहे हैं शास्त्रों के अनुसार गुरु शुक्र के अस्त के समय किसी भी व्रत का प्रारंभ एवं उद्यापन करना वर्जित है क्योंकि गुरु शुक्र अस्त में व्रत प्रारंभ करने से अनिष्ट फलों की प्राप्ति होती है।

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