मध्य प्रदेश के भिंंड जिले के एक गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैंं. यहां एक वृद्ध महिला को मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम तक नसीब नहीं हुआ जिसके चलते परिजनों को बीच सड़क पर उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा. बताया जा रहा है कि आज तक गांव में मृतकों को जलाने के लिए शांतिधाम ही नहीं बनाया गया है.
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा गांव
मध्य प्रदेश सरकार ग्रामीण इलाक़ों को विकसित कराने के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है. मनरेगा जैसी योजनाएं गांव के विकास और ग्रामीणों की सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम करती है लेकिन भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का ग्राम अजनौल आज भी मूलभूत ज़रूरतों के लिए जद्दोजहद कर रहा है.
किसी ने भी मुक्तिधाम बनवाने का नहीं किया प्रयास
गांव में वर्षों से शांतिधाम की दरकार है लेकिन किसी ज़िम्मेदार ने आज तक मुक्तिधाम बनवाने का प्रयास तक नहीं किया है. लिहाजा स्थानीय लोग मृतकों का अंतिम संस्कार अपने खेतों पर करते हैं. बरसात में जब खेतों तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता है तो अंतिम संस्कार के लिए इसी तरह की तस्वीरें सामने आती हैं.
अधिकारियों से लगाई गुहार लेकिन कोई सुनवाई नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस सम्बंध में गांव के सरपंच, जनपद में मौजूद अधिकारियों से गुहार लगाई है लेकिन किसी से सुनवाई नहीं होती है. जब किसी का कोई परिजन स्वर्ग सिधार जाता है तो उसका अंतिम संस्कार अपने-अपने खेतों पर कर लेते हैं. बारिश के मौसम में तो परिस्थितियां ऐसा भी नहीं करने देतीं. आज भी कई लोग गांव में ऐसे हैं जो भूमिहीन हैं, वे बेचारे क्या करें.
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