रेवांचल टाईम्स - लालबर्रा, शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर शुद्ध पेयजल योजना चलाई गई जिसमें 102 गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का उद्देश्य था परंतु यह उद्देश्य चलती का नाम गाड़ी जैसा दिख रहा है। क्षेत्र वासियों को रोजाना शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा, जिससे क्षेत्रवासी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी व्यवस्था सुचारू तरीके से नहीं चल पा रही है। रोजाना आमजन तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे बारिश के इस मौसम में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं के चलते गंभीर बीमारी की आशंकाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा क्षेत्रवासियों को कभी बिजली के नाम पर तो कभी सफाई के नाम पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। कंजई निवासी फहीम खान ने बताया कि पिछले हफ्ते 5 दिन पानी नहीं दिया गया 1 दिन नल आया और कल से नल ही नहीं आ रहा है। पानी के लिए कहां जाएं समझ नहीं आता वही चल सलब सराठे ने मीडिया को बताया कि रोजाना नल नहीं आता अभी 5 दिन से शुद्ध पेयजल नहीं मिला था 1 दिन आया और फिर वैसा ही नल चालक से पूछा गया तो उसने बताया की फिल्टर प्लांट साफ हो रहा है इसलिए नल नहीं दिया गया। अब सवाल यह उठता है जब नल नहीं आता तो अधिकारियों से पूछा जाता है तो उनके द्वारा बताया जाता है कि प्लांट की सफाई की जाती है। जानकारों की माने तो लापरवाह संचालन के चलते यह योजना धराशाई हो रही है, आमजन को रोजाना शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है, पर आला अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, आखरी में परेशान तो आम नागरिक ही हो रहा है जिसे शुद्ध पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।
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