रेवांचल टाईम्स - आज सरकार अच्छी शिक्षा के लिए बच्चों के लिए नई नई योजनाएं चला रहे है पर आज भी दूर दराज के स्कूलों में शिक्षकों के द्वारा बच्चों से स्कूल का ताला खुलवाने के साथ साथ झाड़ू लगवाना पानी भरवाने जैसे कृत करवा रहे वही मासाब समय मे भी नही पहुँच पा रहे है और बच्चे खुद समय में स्कूल खोल कर बैठ रहे है।
मंडला जिले संचालित स्कूलों की दुर्दशा का भगवान ही मालिक है, जिले शिक्षा का वर्तमान सत्र प्रारंभ हो गया है और सरकारी स्कूल में गरीब के बच्चें अपना जीवन और भविष्य सवारने स्कूल की ओर वस्ता लेकर विद्या अध्ययन करने के लिए समय में तैयार होकर पहुँच रहे है। पर आज भी ऐसे बहुत स्कूल है जहाँ पर बच्चों की मात्रा अधिक है और शिक्षक नही है अतिथि शिक्षकों के भगवान भरोसे स्कूल चल रहे है, और जिन स्कूलों में शिक्षक है जो अपना कर्तव्यों का सही पालन नही कर रहे मनमाने तरीके से नोकरी कर रहे है। आज भी जिले में सरकारी शाला में पदस्थ शिक्षक इन गरीब नौनिहालों से पीने का पानी भवाएँ और दूसरे दीगर कार्य करे तक आप स्वयं अंदाज लगा सकते है कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की क्या व्यवस्था है और गरीब के बच्चें आखिर क्या पढ़ लिखकर तैयार हो रहे है। आप ने सही समीक्षा कर सकते है।
जानकारी के अनुसार बिछिया जनपद पंचायत की चरगाँव प्राथमिक शाला जो कि पंचायत भवन के पास ही संचालित हो रही है इसमें जब शिक्षक प्रहलाद झारिया एवं धनेश्वर पटेल शाला में अध्ययन रत छात्रों से ही स्कूलों का सभी काम करवा रहे जब पढ़ने आये हुए छात्रों से पढ़ाई छोड़ कार्य करेगे तब पढ़ाई कब करेगे तो उनका कहना कि साफ सफाई ये तो करना ही होगा आखिर पीने का पानी या मध्यान भोजन का पानी छात्र छात्राये नहीं लाईगे तो कौन लावेगा। अब आप अंदाज लगा सकते है कि वे सरकारी स्कूल जो अंदर के ग्रामों में संचालित हो रही है उनमें गरीब नौनिहाले छात्रों से और क्या क्या करना पड़ रहा होगा। ये कैसी शिक्षा जो पढ़ाई की जगह स्कूल में साफ सफाई करना पढ़ रहा ये बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रहे है ।
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