रेवांचल टाईम्स - इन दिनों नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक झोला छाप डॉक्टरों की डिस्पेंसरी देखी जा सकती है और इनके द्वारा सरकार ने जिस पद्धति से लाइंसेंस लिया उसका उपयोग न करते हुए एलोपैथी से खुलेआम इलाज कर रहे है।
वही लांजी क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा गलत दवाई एवं सलाह देकर अनेकों व्यक्तियों की जीवन लीला समाप्त कर दिए सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण अंचलों में 10वीं फेल डॉक्टरों के द्वारा डॉक्टरी प्रैक्टिस किया जा रहा है जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से भारी फीस लेकर इलाज कर रहे हैं और अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं बता दें कि ऐसे ही 10वीं फेल डॉक्टरों के द्वारा अनेकों मरीजों की जीवन लीला समाप्त कर दिया गया हैं इसका मुख्य कारण है की जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा ऐसे 10वीं फेल डॉक्टरों के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है क्योंकि खुद जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार करने में लिप्त है सूत्र बताते हैं कि लांजी क्षेत्र के स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी प्रदीप गेडाम एवं सुजाता गेडाम दोनों पति पत्नी लांजी चिकित्सालय में करीब 10 वर्षों से पदस्थ है और इनके द्वारा चिकित्सालय परिसर में रहते हुए प्रायवेट प्रैक्टिस किया जाता है और हॉस्पिटल में अगर कोई सीरियस मामला आ जाए तो उक्त अधिकारी के द्वारा बालाघाट रिफर कर दिया जाता है ताकि प्राइवेट प्रैक्टिस करने का मौका मिले इस संबंध में उच्च अधिकारियों को भी कई बार शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया इसी के चलते लांजी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक बना हुआ है और इनके द्वारा कई मरीजों की जानकारी के अभाव में मरीजों का जीवन लीला समाप्त कर दिया जाता है सूत्र बताते हैं कि डा प्रदीप गेडाम एवं सुजाता गेडाम के संबंध में लिखित शिकायत होने पर भी उच्च अधिकारी एवं नेताओं के संरक्षण में इनका स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है जबकि मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी को एक ही जगह 3 वर्ष से अधिक कार्य करने का मौका नहीं दिया जाता चुंकी उक्त अधिकारी को करीब 10 वर्ष होने जा रहा है अब देखना है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिकारी के ऊपर क्या कार्रवाई करती है।
No comments:
Post a Comment