एक महाजन पांच साल बाद 3 लाख रुपए कर्ज के बदले सूद समेत 18 लाख रुपया मांग रहा था. इससे परेशान मनोज झा ने एक गाड़ी फाइनेंस पर लेकर चलाना शुरू कर दी. ताकि उससे कमा कर कर्ज को चुकाया जा सके. लेकिन किस्मत कुछ और ही मंजूर था. लॉक डाउन के दौरान गाड़ी से आमदनी नहीं आने के बाद फाइनेंसर ने गाड़ी को खिंचवा लिया था. उसके बाद मनोज ने एक छोटी-सी खैनी की दुकान को खोल ली, उसी से किसी तरह परिवार का गुजारा हो रहा था.
कुछ दिन पहले सदूखोर महाजन ने तगादा के दौरान कर्ज लेने वाले मनोज झा के साथ अभद्रता की और कर्ज नहीं चुकाने के बदले बेटी को उठा लेने की धमकी दी थी. इस डर से मृतक मनोज ने अपनी कम उम्र की बेटी को 3 महीने पहले किसी तरह मंदिर से शादी करके विदा कर दिया था. लेकिन कर्ज देने वालों का दवाब बढ़ता ही जा रहा था.
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