रिपोर्ट के मुताबिक कई संस्थानों के वैज्ञानिकों ने मिलकर Omicron के बीए.4 और बीए.5 वेरिएंट (BA.4 or BA.5 Variant) का अध्ययन किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अध्ययन को अपनी निगरानी सूची में भी जोड़ा था. अध्ययन में कहा गया कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उनमें पांच गुना ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता है और वे ज्यादा सुरक्षित हैं. वहीं, जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी उनमें एंटीबॉडीज की संख्या भी 8 गुना कम थी.
उधर, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अतिरिक्त महानिदेशक समीरन पांडा ने कहा कि भारत में रोजाना सामने आ रहे कोविड-19 के मामलों को कोरोना की चौथी लहर नहीं कहा जा सकता. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए समीरन पांडा ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले जिले स्तर पर देखे जा रहे है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि देश चौथी लहर की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, जिला स्तर पर कोरोना के पॉजिटिव केसों में जो उछाल आ रहा है, उसे ब्लिप कहा जाता है. बता दें कि ब्लिप का मतलब अस्थायी समस्या से है. यह चौथी लहर का संकेत क्यों नहीं है, इस पर विस्तार से बताते हुए पांडा ने कहा कि हम जो देख रहे हैं वह सिर्फ एक झटका है. लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि पूरे राज्य कोविड की चपेट में हैं.
उधर, देश में कोरोना के 3300 से ज्यादा नए मामले सामने आए. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 3,324 नए मामले सामने आए और संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर 4,30,79,188 हो गया. वहीं, इस दौरान भारत में संक्रमण से 40 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,23,843 पर पहुंच गई. देश में फिलहाल कोरोना के 19,092 एक्टिव मरीज हैं.
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