गले के लिए वरदान-
अक्सर गर्मी लगने पर व्यक्ति फ्रिज में रखा ठंडा पानी पी लेता है जो उसके गले और शरीर पर बुरा प्रभाव ड़ालता है। गले की कोशिकाओं का ताप अचानक गिर जाता है, जिस कारण बहुत सी समस्या उत्पन्न होती है। गले के पकने और ग्रंथियों मे सूजन आने लगती है। वहीं घड़े का पानी पीने से गले पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता है।
लू से बचाव-
मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर के ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। जो शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा -
नियमित रूप से घड़े का पानी पीने से व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है। प्लास्टिक की बोतल मे पानी रखने से उसमें अशुद्धियां इक्कठी हो जाती हैं और पानी अशुद्ध हो जाता है। वहीं घड़े मे पानी स्टोर करके पीने से शरीर मे टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है।
गैस की समस्या से राहत–
मटके का पानी का सेवन गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। अगर व्यक्ति को गैस या एसिडिटी संबंधी कोई परेशानी है तो उसके लिए मिट्टी के पानी का सेवन बेहद फायदेमंद होगा।
ब्लड प्रेशर-
मटके का पानी ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है। खास बात यह है कि यह बैड कॉलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करके हार्ट अटैक की संभावनाओं को भी कम कर देता है।
दर्द से राहत-
मिट्टी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने के कारण यह शरीर में दर्द, ऐठन और सूजन जैसी समस्याओं से राहत देता है। इतना ही नहीं, यह आर्थराइटिस बीमारी में भी बेहद लाभकारी है।
एनीमिया से राहत-
मटके का पानी एनीमिया रोग से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मिट्टी में आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। जो आयरन की कमी दूर करता है।
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