राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर मैराथन बैठकें ली। सुबह आयोग के अफसरों की इंटनरल मीटिंग हुई और उसके बाद दोपहर में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव और आयुक्त आलोक सिंह के साथ बैठक कर पंचायत चुनावों के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर तत्काल आरक्षण कराए जाने को कहा है। शाम को नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह को नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने को लेकर चर्चा की।
राज्य निर्वाचन आयोग गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों से मीटिंग कर 30 जून तक किन तारीखों में करवाए जा सकते हैं। इस बारे में फैसला लेगा। शाम को प्रदेश में चुनाव कराए जाने के मद्देनजर कानून व्यवस्था की तैयारी को लेकर अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा और डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ चर्चा होगी। शाम को कंट्रोलर गवर्नमेंट प्रेस को बुलाया है। आयोग की दो चरणों में 321 नगरीय निकायों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत सभी 16 नगर निगमों के चुनाव होना है। वहीं तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव कराए जाना है, जिनमें 22985 ग्राम पंचायतों के 364309 वार्डों, 313 जनपद पंचायतों के 6771 सदस्यों, और जिला पंचायतों के 875 सदस्यों का चुनाव कराए जाना है। दोनों चुनावों में 4.50 करोड़ वोटर भाग लेंगे।
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