दैवेभो कर्मचारी अजय मोरे को भी आरोपी बनाया गया- दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही ठेकेदार ने एक लाख रुपये का चेक और 50 हजार रुपये नकद सगीर अहमद को दिए, लोकायुक्त टीम ने उन्हें दबोच लिया। सगीर अहमद ने ठेकेदार से मिली राशि और चेक अपने चपरासी अजय मोरे को रखने के लिए दी थी। इसके चलते दैवेभो कर्मचारी अजय मोरे को भी आरोपी बनाया गया है।
रतलाम निवासी शिकायतकर्ता ठेकेदार सार्थक सोमानी ने गुरुवार को लोकायुक्त एसपी से इंजीनियर की शिकायत की थी। उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत शहर की दीवारों पर पेंटिंग कराई थी। ठेकेदार के मुताबिक वाल पेंटिंग का करीब 21 लाख रुपये का बिल बना था जिसे पास करने के बदले डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी।
इससे पहले भी वह इजीनियर सगीर अहमद को खासी रकम दे चुका था। उसकी बिल फाइल ओके होकर लेखा शाखा में भी पहुंच गई थी। सगीर अहमद ने फाइल को वहां से वापस बुला लिया और डेढ़ लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। परेशान होकर उसने 28 अप्रैल को एसपी लोकायुक्त इंदौर से शिकायत की। डीएसपी बघेल ने बताया कि ठेकेदार की शिकायत के आधार पर ट्रैप कार्रवाई की गई है। प्रभारी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद खान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है और राशि लेने वाले चपरासी अजय मोरे को भी आरोपी बनाया गया है।
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