रेवांचल टाईम्स - चौरई नियमो का उल्लंघन चौरई अनुविभाग में जल परीक्षण अधिनियम कागजों तक सीमित बड़े किसान और हजारो रुपए रिश्वत देकर रातों में खुलेआम करा रहे नलकूप खनन जिले भर में नलकूप खनन पर प्रतिबंध के बावजूद चौरई अनुविभाग में नहीं किया जा रहा पालन एसडीएम सनौड़िया बोले यदि ऐसा चल रहा है तो जांच उपरांत दोषियों पर करेंगे सख्त कार्रवाई
बीते रात तहसीलदार चौरई महेश अग्रवाल को सूचना प्राप्त हुई की नगर मे बिना परमिशन नलकूप खनन किया जा रहा है तत्काल दल को पहुंचकर कार्यवाही पटवारी नीरज वर्मा के द्वारा की गई, वाहन को पुलिस अभिरक्षा मे खड़ा करदिया गया वाहन का नम्बर KA01MQ1699 है चौरई अनुविभाग में सामान्य वर्षा से भी कम वर्षा रिकार्ड की गई थी। आगामी मुश्किल हालातों से बचने के लिए सावधानी बरतते हुए जिला कलेक्टर सौरभ सुमन द्वारा जिले में परीक्षण अधिनियम के अंतर्गत निजी तौर पर किए जाने वाले नलकूप खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन चौरई अनुविभाग में कलेक्टर सौरभ सुमन द्वारा लगाया गया प्रतिबंध और आदेश कागजों तक सिमटा नजर आ रहा है। क्योंकि क्षेत्र में जिस तरह खनन करने वाली बोरवेल मशीने खुलेआम घुम रही है और रात्रिकालीन समय में प्रतिदिन लगभग आधा दर्जन स्थानों पर उनके द्वारा बकायदा अवैध रूप सें नलकूप खनन भी किया जा रहा है। यह अवैध खनन प्रशासन के उच्चाधिकारियों की निष्क्रयता और नीचले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत की ओर स्पष्ट इशारा करता है।
पूर्णतः प्रतिबंध बेअसर
कम वर्षा और तेजी से गिरते भू-जल स्तर के मद्देनजर अनुविभाग क्षेत्र को जल अभाव ग्रस्त तो घोषित कर दिया गया और कागजो में बोरवेल खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध भी लगा दिया गया मगर वास्तविक धरातल पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होने से नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। क्षेत्र में एजेंटों और प्रशासनिक अमले की सांठगांठ के चलते प्रतिबंध के बावजूद बोरवेल खनन जोरों पर चल रहा हैं। मजे की बात तो यह है कि बोर खनन के लिए प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है। जो लोग अनुमति नहीं लेते, उनके यहां बोर खनन आसानी से हो रहा है जबकि जो लोग अनुमति की चाह रखते हैं, वे राजस्व कार्यालय के चक्कर काटते रह जाते हैं। उन्हें परमिशन तो नहीं मिलती, बल्कि कार्यालयो के चक्कर काटना मिलता है। अंत में जाकर उन्हें एजेंटो से चर्चा करनी पड़ती है
हर दिन रात्रि में हो रहे आधा दर्जन अवैध नलकूप खनन
अनुविभाग चौरई के ग्रामीण अंचलों सहित नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिबंध के बाद भी बिना रोकटोक नलकूप खनन का सिलसिला चल रहा है। लोग बिना अनुमति के खनन कर आदेशों की धज्जिायां उडा रहे हैं। इन दिनों क्षेत्र में बडी संख्या में बोर खनन करने वाली मशीनें देखी जा रही है। इनके दलाल खुलेआम इस काम को अंजाम देने में लगे हैं। गौरतलब है कि जिस भू जल स्तर को बचाने के लिए नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया है और जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है वह जिम्मेदार ही इसकी मॉनीटरिंग नहीं कर रहे है ऐसे में रिश्वत ले देकर लोग बिना अनुमति के इस काम को अंजाम दे रहे हैं और अवैध तरीके से बोर खनन करने वालों की चांदी हो गई है।
जानकारी है फिर भी कार्रवाई क्यूं नहीं
सूत्रो की माने तो अवैध तरीके से क्षेत्र में चल रहे नलकूप खनन की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी है लेकिन बावजूद इसके स्थानीय अधिकारी कार्रवाई करने की बजाए उच्चाधिकारियों का दबाव होने का बहाना बनाते नजर आते है।
हर 10 किलोमीटर पर मिल जाएंगे बोरवेल
चौरई अनुविभाग में जल परीक्षण अधिनियम लागू हैं, लेकिन स्थिति यह हैं कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया जाए तो हर 10 किमी पर दो दो बोरवेल मिल जाएंगे। बोरवेल खनन माफिया इतने शातिर हैं कि दिन में बोरवेल बंद रखते है, जैसे ही रात होती है खनन चालू हो जाता है। बाकायदा बोरवेल पाइंट पर लगने से पहले राजस्व व पुलिस अधिकारियों के नाम से प्रति पाइंट पर रुपए बढा दिए जाते हैं।
एक भी नहीं आए आवेदन
अनुविभागीय राजस्व कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी से अभी तक कुल एक भी नहीं आये है इसमें से नगरपालिका चौरई को नवीन बोर लिए इजाजत एक भी आवेदन नहीं आये है तथा बोर रिफरेश के लिए बाकी किसी को नलकूप खनन के लिए परमिशन एसडीएम कार्यालय से नहीं दी गई है।मशीन का प्रवेश रोके या खनन से प्रतिबंध हटाए।
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