होली के पावन त्योहार को खुशहाली ,सुख, समृद्धि और भाईचारे के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। रंगों के इस त्योहार पर आप अपने अनुसार रंगों का चयन कर सकते हैं। इस त्योहार पर हर रंग का अपना विशेष महत्व है। वास्तु में होली खेलने के लिए रंगों का महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं इनके बारे में।
नीले रंग से होली खेलकर आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। हरा रंग समृद्धि एवं सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। अगर किसी के साथ मनमुटाव चल रहा हो तो आप हरे रंग का प्रयोग होली खेलने के लिए कर सकते हैं। व्यापारी, शिक्षक, अधिवक्ता, विद्यार्थी, लेखक को हरे रंग से होली खेलकर त्योहार मनाना चाहिए। बैंगनी रंग आत्मसम्मान और संतुलन का प्रतीक है। अगर मन में हीनभावना हो तो इस रंग का प्रयोग होली खेलने के लिए करना चाहिए। गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। गुलाबी रंग से होली खेलने से मन मजबूत होता है। लाल रंग से पराक्रम के स्वामी मंगल ग्रह प्रसन्न रहते हैं। लाल रंग का प्रयोग उस जगह कर सकते हैं जहां ऊर्जा की ज़रूरत हो। जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं और जिन्हें गुस्सा जल्द आता हैं, उन्हें लाल रंग का चयन नहीं करना चाहिए। पीला रंग प्रेम, आनंद और ज्ञान का प्रतीक है। यह रंग भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है। पीला रंग सौंदर्य और आध्यात्मिकता को निखारता है। प्रेम बढ़ाने के लिए पीले रंग से होली खेल सकते हैं। सोना-चांदी का व्यापार करने वालों को पीले रंग से होली खेलना शुभ माना जाता है। नारंगी रंग ज्ञान, ऊर्जा, शक्ति, प्रेम और आनंद का प्रतीक है। अगर मन में निराशा हावी हो तो नारंगी रंग का प्रयोग होली खेलने के लिए कर सकते हैं।
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