रेवांचल टाईम्स: पांच राज्यों में चुनाव हैं. चुनाव से पहले ही कृषि कानून वापस लिए जा चुके हैं. इसके बाद किसान आंदोलन खत्म हो गया था, लेकिन किसानों की सरकार से मांग अभी भी जारी है. हरियाणा के एक व्यक्ति ने अपनी शादी के कार्ड पर MSP कानून की गारंटी की मांग की है. हरियाणा के भिवानी जिले के निवासी प्रदीप कालीरामणा की 14 फरवरी को शादी है. उन्होंने 1500 शादी के कार्ड भी छपवाए हैं और इन्हीं कार्ड पर उन्होंने लिखवाया है कि, जंग अभी जारी है, एमएसपी की बारी है. इसके अलावा कार्ड पर ट्रैक्टर और ‘नो फार्मर्स, नो फूड’ (No Farmers No Food) का चिन्ह भी बनवाया है.
प्रदीप कालीरामणा ने बताया कि मैं अपनी शादी के कार्ड के माध्यम से एक संदेश देना चाहता हूं कि किसान आंदोलन की जीत अभी पूरी तरह से नहीं हुई है. किसानों की जीत तभी मानी जाएगी जब सरकार किसानों को एमएसपी कानून की गारंटी पर लिखित में दे देगी. बिना एमएसपी कानून के किसानों के पास कुछ नहीं है, किसानों की शहादत और उनका बलिदान भी तभी पूरा होगा. उन्होंने बताया कि, किसान आंदोलन के दौरान वह दिल्ली की सीमाओं पर आते रहे और किसानों को अपना समर्थन भी दिया था. इसलिए मैंने 1500 शादी के कार्ड छपवाए हैं जिस पर यह लिखा हुआ है.
दरअसल, कृषि कानून 5 जून, 2020 को केंद्र सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को संसद के पटल पर रखा और 20 सितंबर को लोकसभा के बाद इसे राज्यसभा में पारित किया गया था. वहीं कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ यह आंदोलन 13 महीने तक दिल्ली की सीमाओं पर चला, आखिर में सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया था, इसके बाद किसानों की अन्य मांगों पर किसानों और सरकार के साथ समझौता भी हुआ.
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