रेवांचल टाईम्स - गौरतलब है कि प्रत्येक चार वर्षो में बाघ आंकलन का कार्य किया जाता है इसी तारतम्य में वर्ष 2022 के लिए विगत माह में प्रथम चरण में दिनांक 17/11/2021 से 23/11/2021 तक किया गया तथा द्वितीय चरण में दिनांक 01/12/2021 से 07/12/2021 तक बाघ आकलन का कार्य किया जा रहा है जिसमे प्रथम तीन दिन माशाहारी वन्य प्राणी के चिन्हों का सर्वेक्षण तथा तीन दिनों में शाकाहारी जानवरो के चिन्हों का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसी कडी में उत्तर बालाघाट सामान्य वनमण्डल के परिक्षेत्र बिरसा दमोह और पूर्व बैहर में प्रथम दो दिनों में माशाहारी प्राणी बाघ एवम तेंदुआ के अधिकतर बीटो में चिन्ह प्राप्त हो रहे है सर्वेक्षण का कार्य श्रीमान एन. के. सनोडिया, मुख्य वन संरक्षक वन वृत बालाघाट तथा श्री अभिलव पल्लव , वनमण्डलाधिकारी उत्तर बालाघाट के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस कार्य को सत प्रतिशत सफल करने के लिए विभाग ने पूरी ताकत लगा दी है, एवम इस कार्य को मैदानी अमला द्वारा बड़ी मुस्तैदी से किया जा रहा है। वन में साक्ष्य संकलन के दौरान बाघ तेंदुआ की उपस्थित के जो साक्ष्य मिल रहे है वो निश्चित रूप से उत्साह को बढ़ाने वाले ही बालाघाट वनवृत्त के पहले चरण और दूसरे चरण के प्रथम दो दिनों के प्राप्त साक्षो के नतीजों से यह प्रतीत होता है कि बालाघाट जिला के वन क्षेत्रों में बाघ एव तेंदुआ के पर्याप्त साक्ष्य है। निश्चित ही परिणाम बहुत आश्चर्य जनक है इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि टाईगर स्टेट तथा लेपर्ड स्टेट का दर्जा वर्षो वर्ष तक मध्यप्रदेश के नाम रहेगा। इस कार्य में वन अमला कड़कड़ाती ठंड में प्रातः 05 बजे वन क्षेत्रों कि और रवाना होकर साक्ष्य का संकलन करते है यह कार्य मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाता है जो कि प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य में महिला कर्मचारियों द्वारा भी बड़ चड़कर भाग लिया जा रहा है।
रेवांचल टाईम्स लांजी, बालाघाट से खेमराज सिंह बनाफरे
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