रेवांचल टाईम्स - जिले का अत्यंत प्राचीन सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल पातालेश्वर मंदिर में प्रति सोमवार की तरह श्रावण मास के तीसरे सोमवार को प्रातः काल में भगवान शिव का नीबूंओ से श्रृंगार किया गया जबकि दोपहर के बाद उनका सुंदर वस्त्रों से दूसरा श्रृंगार किया गया ! श्रावण सोमवार के इस विशेष अवसर पर भक्तों ने देर रात तक भगवान शिव का दर्शन पूजन अर्चन और अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया! गौरतलब है कि पातालेश्वर मंदिर में प्रति सोमवार को जय भोले सरकार समिति द्वारा भगवान शिव का मनमोहक आकर्षक श्रृंगार किया जाता है सावन मास में प्रतिदिन अभिनव श्रृंगार तथा श्रावण मास के हर सोमवार को विशेष श्रृंगार इन दिनो किया जा रहा है जिसके चलते इस सोमवार को भगवान शिव का नीबूंओ से श्रृंगार किया गया ! इसके पूर्व जय भोले सरकार समिति द्वारा सावन मास के पहले सोमवार को भगवान शिव का पान से दूसरे सोमवार को मखाने से श्रृंगार किया गया था!
ज्योतिर्लिंग सा पूज्यनीय - जिले में ही नहीं बल्कि दूर दूर तक पातालेश्वर मंदिर की ख्याति है लोग इस मंदिर को ज्योतिर्लिंग की तरह बड़े श्रद्धा भाव के साथ पूजते है यहां पाताल से भगवान शिव के प्रकट होने के कारण इस मंदिर का नाम पातालेश्वर पड़ा! यह प्राचीन स्थल एक समय में चमत्कार का केंद्र होने से नागाओं तांत्रिकों और साधकों का साधना स्थल भी रहा है हालांकि अभी यह एक पर्यटन स्थल भी विख्यात है!
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