रेवांचल टाईम्स :- एक के चार बनाने के चक्कर मे गरीब और गरीब हो रहा है और सटोरिया दिन दुगनी रात चौगनी तरक़्क़ी कर रहा है पर पुलिस प्रशासन इसकी क्या पड़ी है।
वही कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और जोड़ी के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि सटोरियों को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।
जिले में इन दिनों बेख़ौफ़ सट्टा जुआ चला रहा है वही जिले के नैनपुर, बिछिया, घुघरी, निवास, नारायनगंज, बीजाडांडी कालपी वही बीजाडांडी थाना क्षेत्र में इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे बुजुर्ग गरीब युवा वर्ग भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं एजेंट जो पट्टी काटते हैं प्राय: हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग थाना क्षेत्र में बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड के पास सहित अन्य क्षेत्रों में खुलेआम पट्टïी काटकर एवं मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। सट्टा के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर एजेंट अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं। सूत्रों की मानें तो वर्तमान सट्टा प्रेमियों में ज्यादा है गरीब बेरोजगार युवाओं को मोटे कमीशन का लालच देकर इस अवैध कारोबार में उतारा जा रहा है आगे चलकर यही युवा अपराध की ओर अग्रसर हो जाते हैं शिकायत होने पर जब पुलिस अभियान चलाती है तो मुख्य सटोरियों को बक्श कर अक्सर इन्हीं युवाओं के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेती है।
अब जिले के अपराधियों में नही है कानून का कोई भय नहीं
खबर को प्रमुखता से उठाया जाए तो थाना क्षेत्र में सक्रिय सटोरिए बेचैन हो जातें है और कानून व्यवस्था को चुनौती दे डालते है इनका कहना रहता इन खबरों से कोई फर्क नहीं पड़ता सटोरियों की दिलेरी यह दर्शाती है कि उन्हें कानून का कोई डर भय नहीं रह गया है। या की कारण कुछ और ही जिस कारण इन्हें न जिला प्रशासन और न ही पुलिस प्रशासन का डर है।
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