रेवांचल टाईम्स - नियम विरुद्ध छत्तीसगढ़ से म.प्र. लाकर महिलाओं की करवाई जा रहीं नसबंदी-मामला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नियम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैैं।जिला मंडला की विकास खण्ड भुआ बिछिया की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते दिनों 5 दिसंबर 2020 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर से लेकर प्रांगण व छतो में छत्तीसगढ़ राज्य से लाई गईं महिलाओं को नसबंदी (टीटी) करने के लिए एक मेले की तरह भीड़ लगाकर कोविड- 19 कोरोना वायरस से बचाव के सारे नियम कानून की स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार डॉक्टरों द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया गया, जिसकी बानगी फोटो पर देखीं जा सकतीं हैं।
महिलाओं की नसबंदी छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्णतः प्रतिबंध हैं
वही बता दें कि कोविड-19 कोरोना वायरस से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में महिला की नसबंदी (टीटी) पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया हैं,इसके बावजूद शासन के निर्देशों को धता बताते हुए मंडला म.प्र.जिले का स्वास्थ्य विभाग का अमला निजी स्वार्थों को लेकर दलालों के माध्यम से चार पहिया वाहनों में भेड़ बकरी की तरह भरकर महिलाओं को नसबंदी (टीटी) कराने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य जिले से भरकर म.प्र.के मंडला जिला की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भुआ बिछिया में लाया गया।
मीडिया कर्मी को देख डॉ.हुए हैं नौ दो ग्यारह
उक्त मामले की जानकारी मीडिया कर्मियों को लगी और मीडिया कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में पहुंचे तो डॉ.मीडिया कर्मियों को देखकर अपना मोबाइल बंद कर नौ दो ग्यारह हो गए।मीडिया कर्मी के द्वारा महिलाओं से जानकारी लेना चाही और उनका पता पूछा गया तो छत्तीसगढ़ से आई महिलाओं का जवाब सिर्फ एक ही था कि हम एम.पी.से आए हुए हैं।तहसील व गांव का नाम पूछने पर सिर्फ उनका एक ही जवाब था की एम.पी.से आए हुए हैं और अपना शहर व गांव बताने से कतराती रहीं।
महिलाओं व उनके परिवार से की गईं अवैध वसूली
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ से एम.पी. नसबंदी (टीटी) के लिए लाईं गईं महिलाओं के द्वारा बताया गया कि उनसे दलालों व संबंधित डॉ. के द्वारा 35 सौ रुपए से लेकर 05 हजार रुपए अवैध रूप से वसूले गए।नसबंदी (टीटी) का लक्ष्य पूरा करने के लिए डॉ.के द्वारा नियम विरुद्ध नसबंदी की गईं।अपना लक्ष्य पूरा करने व रुपयों की लालच में निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए शासन की गाइड लाइन का भी ध्यान नहीं रखा गया।जहां तक की कोरोना वायरस महामारी के बचाव के लिए किसी प्रकार की कोई सावधानी भी नहीं बरती गईं।
फार्म में नहीं भरी गईं सही जानकारी
ज्ञात हो कि जिन महिलाओं को छत्तीसगढ़ से नसबंदी (टीटी) कराने के लाईं गईं थी उनके पंजीयन फार्म में उनकी जानकारी सही नहीं भरी गईं,केवल महिलाओं के नाम व पति के नाम मात्र भरे गए थे।राज्य, जिला,तहसील,व गांव का पता नहीं भरा गया था।आखिरकार स्वास्थ विभाग की ऐसी क्या मनसा रहीं होंगी जो 420 कर छत्तीसगढ़ राज्य से म.प्र.राज्य में सैकड़ों की तादाद् में महिलाओं को नसबंदी करने के लिए दलाल के माध्यम से वाहनों से लाया गया था।संपूर्ण घटना की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मंडला जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह को अवगत कराया गया, अवगत कराने के बाद तत्काल कलेक्टर महोदया ने संज्ञान में लेते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भुआ बिछिया में तत्काल तहसीलदार व एसडीएम मैडम को जांच हेतु भेजा गया।देखना अब यह हैं कि मीडिया कर्मी के द्वारा प्रशासन को सच का आईना दिखाने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य में पदस्थ बीएमओ और संबंधित डॉ.के विरुद्ध क्या कार्यवाही होती हैं।
इनका कहना
आपने जो जानकारी दी थी वह सही हैं।मामला निकल कर आया हैं की महिलाएं कवर्धा से लाई गईं थीं। मैंने एसडीएम को जांच के लिए बोला हैं,जांच रिपोर्ट में क्या आता हैं फिर देखते हैं।
हर्षिका सिंह
कलेक्टर मंडला
(म.प्र.)
रेवांचल टाइम्स से शिव दोहरे की रिपोर्ट
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