रेवांचल टाइम्स - माना कि बालाघाट जिला धान के कटोरे के नाम से प्रसिद्ध है किंतु मध्यप्रदेश शासन एवं विभाग लापरवाही के कारण बालाघाट जिले का महाराष्ट्र मैं सप्लायर हो रहा है जिससे मध्यप्रदेश शासन को राजस्व का लाभ नहीं मिल पा रहा
बालाघाट जिले के अंतर्गत आने वाली लांजी क्षेत्र जो अपने आप में चेरापूंजी के नाम से प्रसिद्ध है यहां पर धान का अधिक उत्पादन होता है
किंतु मध्यप्रदेश में कम कीमत मिलने के कारण दलाल लोग क्षेत्र में धान खरीदी कर महाराष्ट्र गोंदिया जिले में धान की निकासी किया जाता है क्योंकि मध्यप्रदेश में अट्ठारह सौ रुपए प्रति कुंटल के हिसाब से पैसा मिलता है जबकि महाराष्ट्र में प्रति कुंटल धान की कीमत ₹25 सौ है जो दलालों के माध्यम से लांजी क्षेत्र की सीमा एवं महाराष्ट्र एनी गोंदिया जिले की सीमा कोलांग कर घाट टेमनी घाट मैं बनी गेट के किनारे से दलालों के माध्यम से रास्ता बना कर धान एवं रेत की गाड़ी का अवैध कारोबार किया जा रहा है
अगर मध्यप्रदेश शासन द्वारा महाराष्ट्र बॉर्डर पर तुलना कीजिए व्यवस्था की जाती है तो मध्यप्रदेश शासन को राजस्व की फायदा होगा
रेवांचल टाइम्स बालाघाट से खेमराज बनाफरे की रिपोर्ट
No comments:
Post a Comment