रेवांचल टाईम्स - मण्डला, नगर से लगी ग्राम पंचायत बड़ी खैरी के पास स्थित हनुमान घाट आश्रम में आज आंवला नवमी के पर पर बड़ी संख्या में गांव एवं नगर के महिलाएं द्वारा आंवला की पेड़ की विधिवत् पूजन किया गया। ग्राम की महिला रितु पटेल ने आंवला नवमी पर्व को लेकर बताया कि यह पूजन कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पूजन किया जाता है इसे कुष्मांड नवमी और अक्षय नवमी भी कहा जाता है इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा कर घी का दीपक लगाकर वृक्ष की 21 परिक्रमा कर कच्चा सूत लपेटा जाता है इसके बाद आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और आंवले को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है आंवला नवमी इस बार रवियोग में आई है इसलिए आंवले का पूजन करने से अक्षय धन के भंडार भरने की प्रबल संभावना है। धार्मिक मान्यता है कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी है इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं अर्थात इनका कभी क्षय नहीं होता है भविष्य, स्कंद, पद्म और विष्णु पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है पूजा के बाद इस पेड़ की छाया में बैठकर खाना खाया जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से हर तरह के पाप और बीमारियां दूर हो जाती है इस दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा का खास महत्व है मान्यता है कि इस दिन दान आदि करने से पुण्य का फल इस जन्म में तो मिलता ही है साथ ही अगले जन्म में भी मिलता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदें टपकती हैं, इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठने और भोजन करने की परंपरा है ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है इसके साथ ही अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है।
Tuesday, November 21, 2023

आंवला नवमी पर महिलाओं ने किया पूजन अर्चन...
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