रेवांचल टाईम्स - मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में खुलेआम चल रहा बारुदों का खेल बीच बस्ती में फटाखा गोदाम बनाकर मासूमों की जिंदगी से किया जा रहा है खिलवाड़। झारखंड में फटाखा गोदाम में आग लगने से पूरा शहर जलने का मामला किसी से छुपा नहीं है और आये दिन फटाखे व्यापारियों की लापरवाहियों से बारुदों से हो रहे घटनाएं तेजी से फल-फूल रहा है।इसके पहले भी जिले के लालीपुर चोराहा में स्थित बाॅबी आतिशबाजी के मालिक विरेन्द्र गुप्ता द्वारा की बनाई गई नियमविरुद्ध जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम सेमरखापा के बीच बस्ती में फटाखा गोदाम पर मामले को लेकर की गई शिकायत को लेकर तत्काल कार्यवाही करते हुए शासन-प्रशासन द्वारा गोदाम को तत्काल बंद (सील)कर दिया गया, बावजूद इसके शासन-प्रशासन एवं फटाखा व्यापारियों की लापरवाही थमने का नाम नहीं लेती आखिर शासन-प्रशासन इन लापरवाहियों को सरंक्षण प्रदान करते हुए क्यों करती है शिकायतों का इंतजार। मामला जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम पंचायत कटरा में स्थित सावलदास मेहरुमल एवं दरियानामल द्वारा बीच बस्ती में बनाए गए फटाखा गोदाम का है जो खुलेआम लोगों की जिंदगी को दांव पर रखकर शासन-प्रशासन की नियमावली के विरुद्ध मनमानी रवैया अपनाते हुए मृदुकिशोर कालोनी, ग्राम पंचायत कटरा के साथ-साथ फटाखा गोदाम से जुड़ा हुआ है आशीर्वाद पैलेस हाॅटल एवं महर्षि विद्यालय एवं बरनाडा नर्सरी विद्यालय जो बिल्कुल फटाखा गोदामों से जुड़ा हुआ है। वही फटाखा गोदाम के मालिक विज्जू सावलदास से इस लापरवाही को लेकर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि जिले के कुछ तथाकथित पत्रकारों, नेताओं एवं आला-अधिकारियो का नाम विज्जू सावलदास द्वारा स्पष्ट किया गया कि उक्त सभी लोगों को हमारे द्वारा आये दिन फटाखों के पैकेटों के साथ-साथ विशेष नजराना पेश किया जाता है, जो इस बात की गारंटी होती है कि उनके द्वारा हमारी लापरवाहियों को सरंक्षण प्रदान करेंगे एवं हमारी लापरवाहियों को लेकर होने वाले शिकायतों को नजरंदाज किया जाएगा।इसी बात की पुष्टि करने उक्त मामले को लेकर मण्डला एसडीएम को बताया गया कि सावलदास मेहरुमल फटाखा व्यापारी अपनी लापरवाहियों में जिले के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य आला अधिकारियों का नाम शामिल कर रहा है आप तत्काल फटाखा व्यापारी का लायसेंस निरस्त कर मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को सूचित कर उक्त व्यापारी पर कार्रवाई करें तो एसडीएम मण्डला ने शिकायतकर्ता को जवाब दिया कि पुलिस अधीक्षक को आप भी सूचित कर सकते हैं इसलिए आप स्वयं सूचित करें,इस तरह जिले के सुरक्षा के मुखिया के नाम को शासन-प्रशासन के नियमों की धज्जियां उडाने में शामिल किए जाने पर एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मामले को नजरंदाज किया जाना आखिर क्या स्पष्ट करता है एसडीएम द्वारा बीच बस्ती में सावलदास मेहरुमल,दरियानामल जैसे फटाखा गोदामों को खुलेआम बीच बस्ती जहां स्कूल, लाॅज, हाॅटल, माॅल, रेस्टाॅरेन्ट, वाहन शोरूम, हाॅस्पीटल ,मैरिज गार्डन, धर्मशाला,शासकीय आवास एवं कार्यालय जैसे अनेकों महत्वपूर्ण संस्थानें निर्मित है बावजूद इसके जिम्मेदारों ने किन नियमावली के तहत बीच बस्ती में फटाखा गोदामों के लायसेंस बनाया है।इस तरह शासन-प्रशासन की नियमावली एवं शर्तों के विरुद्ध चल रहे बीच बस्ती में फटाखा गोदामों को लेकर संबंधित गोदामों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने से मण्डला एसडीएम आखिर क्यों पीछे हट रहे हैं, कहीं कारण यह तो नहीं कि कार्यवाही करने से नतीजा जिम्मेदारों को लायसेंस बनाते वक्त नहीं दिखाई दी गई शासन-प्रशासन की नियमावली एवं शर्तें अथवा फटाखा पैकेट एवं नजराना हो जो फटाखा गोदामों के मालिक विज्जू सावलदास के बताए अनुसार उनकी लापरवाहियों को नजरंदाज एवं उन्हें संरक्षण प्रदान करने में गारंटी हो।
पहले भी उन्हीं फटाखा गोदामों के नजदीक आग लगने से हुआ भीषण हादसा*
वही कटरा में स्थित सावलदास मेहरुमल फटाखा गोदाम के बाजू में स्थित शुभा मोटर्स हीरो एजेंसी एवं एसबीआई स्टेट बैंक की एटीएम में अनजान कारणों से भीषण आग लगने से लाखों करोड़ों रुपयों छति हुई साथ -साथ अनेकों रहवासी लोगों की जिंदगी को दांव पर लगा कर फटाखा गोदामों के मालिक एवं लायसेंस निर्माताओं की लापरवाहियों तथा जिम्मेदारों एवं आला-अधिकारियो की लापरवाहियों एवं अपराधियों को संरक्षण प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले शासकीय नुमाइंदों द्वारा अपनी तिजोरियां भरने के चलते अपनी हिस्सेदारी बटोरकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया और एक बार फिर उसी हादसे की पुनरावृत्ति में अपनी सहभागिता निभाई जा रही है।
और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी शायद कोई बड़ी घटना दुघर्टना का इंतजार कर रहे कि घटना घटे फिर वह जागे और फ़िर पता करेगे की गलती किसकी थी और गलत कौन है। समय रहते अगर जिला प्रशासन नही जगा तो बड़ी घटना के बाद तो जागेगा।
No comments:
Post a Comment