रेवांचल टाईम्स - पुलिस की व्यवस्था पर धीरे धीरे सवाल उठ रहे है वही सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से समूचे मध्यप्रदेश सहित अनूपपुर जिले में रेत के उत्खनन पर रोक लगी है तब से धिरौल के सिंह साहब और खान साहब की बल्ले-बल्ले हो गई है वे इन दिनों देवहरा पुलिस चौकी की सह पर नाले की रेत के अवैध खनन के कारोबार के रंग में रंग गए है और शहडोल जिले के बिम्हौरी,बंडी,गरपंदिया एवं पटना इत्यादि क्षेत्रों से रोजाना भारी मात्रा में अवैध उत्खनन वाली नाले की रेत की कई गाड़ियो को पार करवाये जा रहे है कहने को तो सिंह साहब और खान साहब पूर्व सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के समर्थक न तो कभी थे और न है लेकिन विपक्षी दल के समर्थक रहने के बावजूद भी इनका ये अवैध कारोबार कभी भी नहीं रूका और ड़ंके की चोट पर चल रहा था और चलता ही जा रहा है।
ये देवहरा पुलिस चौकी के लिए कोई नया मामला नहीं है पिछले कई वर्षों से देवहरा पुलिस चौकी अपने क्षेत्र मे अवैध कारोबार जैसे डीजल, कबाड़ इत्यादि की चोरियों को बढ़ावा देने और चोर गिरोहों से साथ सांठगांठ रखने के लिए हमेशा से ही चर्चित रहा है उस पर ये अवैध उत्खनन वाली रेत की गाड़ियों का बेरोकटोक पार करवाया जाना सोने पर सुहागा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है और यहां की पुलिस चौकी में पदस्थ प्रभारी जी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है क्योंकि जब संपूर्ण मध्यप्रदेश में विधिक रूप से भी रेत के उत्खनन पर रोक लगी हुई है तब उस पर ये अवैध खनन की हुई रेत इनके सामने से ही कैसे पार होते जा रही है ये तो सोचने की बात है। सूत्र ये भी बताते हैं कि देवहरा पुलिस चौकी के प्रभारी की गद्दी शुरू से ही चासनीदार रही है और अगर सूत्रों की बताई गई इस बात को माना जाए तो देवहरा पुलिस चौकी अंतर्गत हो रहे हर एक अवैध कारोबार समेत रेत के इस अवैध कारोबार के मजबूत मैनेजमेंट को देख कर तो यही लगता है कि इस तिलिस्म को तोड़ने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा है क्योंकि ये अवैध कारोबार लंबे अरसे से फल फूल रहा है।
सूत्र ये भी बताते हैं कि सिंह साहब और खान साहब का गिरोह अवैध खनन करता है फिर चौकी वाले मिश्रा जी उनके नाथ बन कर उनकी अवैध रेत से लदी हुई गाड़ियों को अपनी सुरक्षा में पार करवाने में इनकी मदद करते है अब रही बात मुद्रा की जिसके लिए ये सारी मेहनत की जा रही है तो उसकी भूमिका को पुलिस महकमे में ही पदस्थ एक प्राधन आरक्षक बाखूबी निभा रहे हैं जो पूरी ईमानदारी से इस अवैध कारोबार से प्राप्त पेमेंट को ला कर उसका बंटवारा करवाते हैं।
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