रेवाचंल टाइम्स - मण्डला मध्यप्रदेश शासन के पंचायती राज के द्वारा प्रति माह मानदेय भत्ता देने का प्रावधान है, पर राज्य शासन के द्वारा पंचायत फंड में राशि आने के बाद भी संरपच सचिव के मनमाफ़िक और तानाशाही रवैये के चलते ग़रीबो को समय मजदूरी मजदूरों को नही मिल पाती है और ग़रीब की शिकायतों में भी कोई कार्यवाही न होना और समय मे न्याय न मिलना ये आम बात हो चुकी है और जिम्मेदार सरपंच सचिवों को बढ़ावा देते हुए कार्यवाही न करना बल्कि उन्हें अनदेखा करना जिस कारण आज गरीब और गरीब हो रहा है वही पंचायत में काम करने वाले मजदूरों को यह राशि का भुगतान नही किया जाना सवाल पैदा खड़ा करता है वही ग्राम पंचायत कटरा की पंच श्रीमती पुष्प लता अमपुरी ने सरपंच सचिव के ऊपर यह आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत कटरा" के पूर्व (पिछले) पंचायती कार्यकाल के सभी "पंचों" के मानदेय की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
एक तो थोड़ी सी राशि बनती है उसके लिये भी परेशान किया जा रहा है, मनन करिये कि जब पंचों को इस तरह परेशान किया जा रहा है तो आम जनता कितना परेशान हो सकती है।
लंबे समय से राशि आकर पड़़ी है परन्तु दुर्भावनाओं, लापरवाही और स्वेच्छाचारिता के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है,कहने पर झुनझुना पकड़ाया जाता है ;लंबे समय से बस एक ही आश्वासन कि बस दो दिनों में भुगतान कर देंगे।
पंचायत स्टाफ की हठधर्मिता स्वेच्छाचारिता और लापरवाही चरम सीमा में है अगर इनका वेतन मानदेय रुके तो इन्हें एहसास हो कि आर्थिक तंगी क्या होती है
इनका कहना है कि
कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एक
दो दिन के अंदर भुगतान कर दिया जायगा
हरिशंकर मरावी
सरपंच ग्राम पंचायत कटरा
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