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Saturday, October 21, 2023

रंगोली में दिखी बौद्धिक संपदा अधिकार की झलकियाँ , नवाचार एवं कौशल विकास का संदेश देने विद्यार्थियों ने बनाए पोस्टर




अविष्कार,साहित्य और कलात्मक कार्य को बढ़ावा देने जागरूकता कार्यक्रम  

सैकड़ो विद्यार्थियों ने दिखाई पोस्टर रंगोली बनाकर अपनी प्रतिभाएं 


रेवांचल टाईम्स - आयोजक राजूषा हायर सेकेंडरी स्कूल डिण्डौरी, प्रयोजक मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल एवं महाकौशल विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वाधान में हमारे बौद्धिक संपदा का अधिकार विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रभारी श्री विकास जैन उपप्राचार्य ने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी एवं विद्यार्थियों में विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार के प्रति कौशल विकास करना है। बौद्धिक संपदा का तात्पर्य दिमाग की रचनाओं से है, अविष्कार, साहित्य और कलात्मक कार्य को बढ़ावा देने तथा इसके प्रति युवा पीढ़ी एवं समाज को जागरूक करना है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रथम जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान, जिला न्यायाधीश उत्तम कुमार धार्वी, विषय विशेषज्ञ मुख्य वैज्ञानिक डॉ. हरीश दीक्षित एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर पी. एल. अंबोलकर कृषि विज्ञान केंद्र डिंडौरी, विज्ञान के जादूगर डॉ. मुकेश कुमार, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी डिजाइन एवं विनिर्माण संस्थान (आई.आई.आई.टी.डी.एम.) जबलपुर, इंजीनियर प्रभात दुबे संचालक सरदार पटेल लॉ कॉलेज जबलपुर, अंकित राय प्रांत संगठन मंत्री विज्ञान भारती, डॉ. बी. एल. द्विवेदी प्राचार्य मेकलसुता महाविद्यालय एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. राज बहादुर सिंह विद्यालय के प्राचार्य एवं विद्यालय की संचालिका श्रीमती उषा राजपूत की विशेष उपस्थिति में हुआ। सभी अतिथियों का सम्मान स्कूल के शिक्षक एवं स्कूल कैप्टन, सेक्रेटरी व हाउस कैप्टन ने शाल व श्रीफल भेंट कर किया। साथ ही अतिथियों को औषधीय पौधे भेंट किए गए और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया।


 मुख्य वक्ताओं ने अपनेे अनुभवों एवं विचारों से कराया अवगत  -

मुख्य वक्ता डॉ. हरीश दीक्षित ने कहा कि बौद्धिक संपदा के आविष्कारों या निर्माण को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करने के लिए नियम निर्धारित करता है वह अपनी रचनात्मक प्रयासों या प्रतिष्ठा से व्यावसायिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिसमें डिजाइन, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क प्रिंटेड आदि सम्मिलित होते हैं औद्योगिक डिजाइन भौगोलिक संकेत व्यापार के रहस्य कॉपीराइट यह विभिन्न प्रकार की बौद्धिक संपदायें होती हैं।

डॉ. अंबुलकर ने बताया कि 35 यू.एस.सी. एवं 315 ए के तहत पेटेंट मालिक के अलावा कोई भी व्यक्ति आई.पी.आर. के लिए अनुरोध दायर कर सकता है, यदि उन्होंने पहले पेटेंट के दावे की वैधता को चुनौती देने वाली एक नागरिक कार्यवाही दाहिर नहीं की है। जैसे की घोषणा पत्र आदि संस्थाओं को संरक्षित संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करना अधिकारों को उनके मालिकों को वित्तीय रूप से पुरस्कृत करना, दूसरों को समान या भ्रमित करने वाले सामान संकेत डिजाइनों, नकल करके कार्यों का उपयोग करने से रोकना, उनके खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार देते हैं। जी. आई. टैग कैसे दिया जाता ह,ै इसके लिए बताया कि जिस वस्तु का उत्पादन हो रहा है। उसके उत्पादन में वहां की भौगोलिक स्थिति का कितना योगदान है। इसके साथ ही वस्तु की गुणवत्ता और उसकी संख्या पर भी ध्यान दिया जाता है। सभी पैमाने पर जांच होने के बाद वस्तु को एक पंजीकरण नंबर देने के साथ संबंधित जिले के साथ टैग दिया जाता है। यह 10 साल की अवधि के लिए होता है इसका मुख्यालय भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री रजिस्टर द्वारा किया जाता है, जो तमिल नाडु में स्थित है भारत में सर्वाधिक टैग उत्तर प्रदेश राज्य में है।

 विज्ञान वास्तव में जादू नहीं, क्रियाएँ हैं -

जबलपुर से आए डॉक्टर मुकेश कुमार ने विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से बताया कि विज्ञान के पीछे छुपा हुआ जो जादू है, वह वास्तव में भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान के गूढ़ रहस्य हैं। आपने बताया कि विज्ञान वास्तव में जादू नहीं है, विज्ञान विभिन्न क्रियाएं हैं, जो भौतिक एवं रसायन के नियमों का अवलोकन कराती हैं। यदि विद्यार्थी विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार करते हैं और उनका गहन अध्ययन करते हैं, तो उनके पीछे का छुपा हुआ रहस्य हम जान सकते हैं। उत्पाद पैटर्न, प्रक्रिया पैटर्न आदि की जानकारी से भी आपने अवगत कराया। किसी भी कंपनी को पेटेंट क्यों करवाना चाहिए, किसी भी बिजनेस के लिए पेटेंट का क्या महत्व है, इन सभी बातों को आपने अपने  वक्तव्य में उदाहरण एवं प्रयोगों के माध्यम से बताया।


 विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन - 

जागरूकता कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। जिसमें पोस्टर मेकिंग में 48 प्रतिभागी, रंगोली मेकिंग में 36 प्रतिभागी, स्पीच कंपटीशन में 25 प्रतिभागी, एवं डिबेट कंपटीशन में लगभग 22 प्रतिभागियों ने उत्साह पूर्वक प्रतिभा दिखाई एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा सामूहिक संगोष्ठी में भी चर्चा की गई । जिसमें लगभग 260 विद्यार्थी उपस्थित रहे। स्पीच एवं डिबेट कंपटीशन के माध्यम से विद्यार्थियों ने भी अपने-अपने विचार बौद्धिक संपदा के अधिकार के विषय पर रखे। युवा पीढ़ी एवं समाज के लिए भविष्य में अपार संभावनाएं इस क्षेत्र में है इसके अलावा अंकित राय जी ने बताया, यदि हम राष्ट्र निर्माण एवं कौशल विकास के क्षेत्र में अपने आप को विकसित करना चाहते हैं, तो हमें हमारे बौद्धिक संपदा के अधिकारों की जानकारी होना आवश्यक है आपने बताया की किस प्रकार से हम अपने किसी प्रोडक्ट को पेटेंट करवा लेते हैं, तो कोई भी बिना अनुमति के इसको नहीं बना सकता। यदि कोई और कंपनी इस प्रोडक्ट का निर्माण करती है, तो उसे आपसे अनुमति लेनी होती है और आपको इसकी रायल्टी भी मिलती है। जो आपके बिजनेस के रेवेन्यू को बढ़ाने में सहायक होती है। साथ ही अतिथियों ने यह भी बताया कि इस्तेमाल के बदले रॉयल्टी का अधिकार, स्वामित्व का अधिकार, बिजनेस में फंडिंग, म्यूजिकल, कॉपीराइट, साउंड रिकॉर्डिंग, सिनेमाग्राफी, लिटरेरी कॉपीराइट, भारत में कितनी अवधि के लिए मिलता है। भारत में कॉपीराइट अधिकारों की समीक्षा के लिए 1957 में विधेयक पारित किया गया था, जो वाणिज्यकरण को बढ़ावा देने के लिए नहीं बल्कि लेखकों, प्रकाशकों तथा उपभोक्ताओं के सभी हितों में उचित संतुलन स्थापित करने के लिए बनाए गए थे। कंप्यूटर, इंटरनेट आदि तकनीकी साधनों के इस दौर में लेखन और प्रकाशन के अधिकार की सुरक्षा के लिए इसमें संशोधन कर भारत सरकार ने कॉपीराइट अधिकार संशोधन पत्र 2010 लाने का भी निर्णय लिया था।


 प्रतियोगिता में ये हुए सम्मानित 

पोस्टर मेकिंग कंप्टीषन के विजेता क्रमषः रूचि मिश्रा प्रथम स्थान, रेनुका मरावी द्वितीय स्थान, एवं तनुष्का बैरागी तृतीय स्थान पर रहे। स्पीच कंप्टीषन में चारू बैरागी ने प्रथम, श्रुति वर्मा द्वितीय तथा राज गायग्वाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डिबेट कंप्टीषन के प्रथम विजेता जसप्रीत सिंह सैनी एवं आकृति टाँडिया, द्वितीय विजेता अर्पिता, अंष, रिषभ एवं चिराग और तृतीय विजेता राज, पारस एवं तरंग रहे। इसी तरह रंगोली कंप्टीषन में अर्पिता यादव प्रथम स्थान पर, साक्षी पटेल द्वितीय स्थान पर तथा निषा चैरसिया तृतीय स्थान पर रहीं। 

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की संचालिका श्रीमती उषा राजपूत ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की वरिष्ठ षिक्षिका श्रीमति स्वाति शुक्ला ने किया एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त स्टाफ का सहयोग रहा।

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