//एक तरफ महीनों से मानदेय मिलना बंद तो दूसरी तरफ काम से बाहर करने का सिलसिला जारी, मानदेय जल्द दिलाने घुघरी बी ई ओ को सौंपा गया ज्ञापन//
दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला*लंबे समय से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की बागडोर संभालते आ रहे अतिथि शिक्षकों पर दोहरी मार पड़ने का दौर थम नहीं रहा है। न ही समय पर मानदेय मिल पा रहा है न ही कार्यमुक्त किये जाने का सिलसिला थम रहा है। ऐसे में हजारों अतिथि शिक्षक परिवार भारी किंकर्तव्यविमूढ़ में चल रहे हैं।बता दें,मुख्यमंत्री की घोषणा के एक महीने बीत जाने के बाद भी एक भी घोषणाओं पर अमल नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षकों को शिक्षा सत्र 2023-24 का मानदेय आज तक नहीं दिया गया है। जिससे अतिथि शिक्षकों के परिवारों का चूल्हा दोनों समय जला पाना भी संभव नहीं रह गया है। वैसे भी अत्यंत कम मानदेय पर परिवार चलाते आ रहे अतिथि शिक्षकों का भविष्य ही कर्ज में डूबा पड़ा है। शिक्षा सत्र 2023-24 का मानदेय जल्द दिलाये जाने मंगलवार को घुघरी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अतिथि शिक्षक परिवार के नेतृत्व करने वालों ने ज्ञापन भी सौंपा है। मानदेय समय पर नहीं दिये जाकर भी परेशान करते आ रही सरकार ट्रांसफर प्रमोशन और नई भर्तियां नियम लाकर भी अधिकतर अतिथि शिक्षकों को कार्यमुक्त भी करते जा रही है। जबकि अतिथि शिक्षकों की मांग स्थाई रोजगार करके उनके भविष्य संवारने की 15 वर्षों से चली आ रही है। जिस पर अब तक बनते आ रही सरकारों का ध्यान तनिक सा भी नहीं जा सका है। चुनाव के दबाव में आकर इस बार प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने 2 सितंबर को भोपाल में पंचायत बुलाकर घोषणाओं का झुनझुना तो थमा दिया परंतु वह झुनझुना भी खोखला साबित हो रहा है। भोपाल पंचायत के दौरान मानदेय दोगुना किए जाने की घोषणा की गई। दोगुना मानदेय मिलना तो दूर अब तक लगभग जिले भर में जुलाई से अब तक मानदेय ही नहीं मिल पाया है। शिक्षक भर्ती में 50% पदों पर आरक्षण अधिकतम 20 अंक बोनस और शिक्षा गारंटी गुरुजी,औपचारिकेत्तर पर्यवेक्षक-अनुदेशकों की तरह पात्रता परीक्षा,एक वर्ष का अनुबंध आदि की घोषणा दसों हजार अतिथि शिक्षकों के बीच में की गई थी। जिस पर एक भी बिंदुओं पर अमल नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण हजारों अतिथि शिक्षक परिवार अब काम से अलग होते हाल बेहाल होते जा रहे हैं। इसके पहले भी शासन के इसी तरह के आदेशों के चलते हजारों अतिथि शिक्षक घर बैठ चुके दरदर भटकते सरकार की अव्यवस्थाओं को कोस रहै हैं। हाल ही के 3 अक्टूबर को डी.पी.आई.भोपाल के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक प्रमोशन पर आने वाले शिक्षकों के कारण अब एक मुश्त हजारों अतिथि शिक्षक कार्य मुक्त होने वाले हैं। जबकि शासन प्रशासन ने अब तक आश्वासन दिया की कार्य मुक्त होते आ रहे अतिथि शिक्षकों के लिए भी अलग से पद सृजित किये जाकर उनकी व्यवस्था बनाई जाएगी, पर इस पर अब तक किसी भी तरह के निर्णय सामने नहीं आ सके हैं।अब मंडला जिले के ही नहीं संपूर्ण मध्य प्रदेश से लगभग 50 हजार अतिथि शिक्षक परिवार के ऊपर रोजगार का संकट गहराया हुआ है। सामने विधानसभा चुनाव हैं। इस तरह शोषण से लबरेज अतिथि शिक्षकों का एक बड़ा खेमा सरकार से भारी असंतुष्ट चल रहा है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी भी अतिथि शिक्षकों के इस संकट के साथ समर्थन में कहीं पर भी खड़ी दिखाई नहीं दे रही है। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति मध्यप्रदेश के संस्थापक एवं जिला अध्यक्ष मंडला पी.डी. खैरवार का कहना है, कि अतिथि शिक्षकों ने 2018 के चुनाव में भी भाजपा की सरकार को सबक सिखाया था। अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को वचनपत्र में सामिल कर कांग्रेस की सरकार आने पर डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों का भला नहीं किया। जिसके कारण कांग्रेस की सरकार भी गिराने में अतिथि शिक्षकों का ही आक्रोश रहा है। अब फिर से वही स्थिति भारतीय जनता पार्टी के साथ आने वाली है। जिसके लिए समस्त अतिथि शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के शुभचिंतकों से अपील भी करना प्रारंभ कर दिया गया है,कि अब प्रदेश में ऐसी कुटिल राजनीतिक पार्टियों की सरकार न बनाई जाए। सोच समझकर जांच पड़ताल के बाद ही मतदान करके अच्छी सोच वाली राजनीतिक पार्टी की सरकार बनाई जाए।घुघरी ज्ञापन अवसर पर अतिथि शिक्षक हरिश्चंद्र यादव, रामकुमार पटैल, टीकाराम छांटा सहित बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक सामिल रहे।
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