रेवांचल टाईम्स - मंडला, संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य एवं अनुसूचित विकास जबलपुर ने जिले से जानकारी लिए बगैर बनाया था प्राचार्य...
विकास खण्ड मण्डला के तत्कालीन बीईओ शैलेंद्र मालवीय जो की लापरवाहियों की शिकायत होने पर जांच होने के चलते उन्हें कलेक्टर द्वारा बीईओ पद से हटाकर मूल पदस्थापना वाले स्कूल रानी अवंती बाई मे व्याख्याता के पद भेजा था। जहां श्री मालवीय अपनी ज्वाइनिंग देने के बाद मनमाने तरीके से स्कूल आना जाना प्रारंभ कर दिया इसी बीच इनके द्वारा अपनी सैटिंग कर संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग जबलपुर से कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महाराजपुर मे प्राचार्य के पद पर अपना स्थानांतरण करवाकर वहां अपनी ज्वाइनिंग भी दे दी, श्री मालवीय के अचानक ज्वाइनिंग को लेकर विभाग वाले आश्चर्यचकित हो गये, क्योंकि संभागीय उपायुक्त के आदेश की जानकारी किसी भी नही थीं न ही आदेश बीईओ एवं सहायक आयुक्त कार्यालय को दिया गया और ज्वाइनिंग हो गयी, क्योंकि इस संबंध मे सहायक आयुक्त आदिवास विभाग मण्डला एवम बीईओ मंडला से जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि हमें इसके संबंध मे जानकारी नहीं है कि यह किस आदेश के तहत यह हुआ है ज्ञात हो कि कई विभागीय अनियमिताओं के आरोप भी इन पर लगातार लगते रहे है। जबकि शैलेन्द्र मालवीय को एक बार पहले भी बीईओ पद से अनियमितताओं के चलते पृथक भी किया जा चुका है उसके बाद पुन प्राचार्य पद पर इनका काबिज़ होना संदेह के को जन्म देता है। जैसे मीडिया को ख़बर लगी तो समाचारों के प्रकाशन और शिक्षक संगठनों की शिकायत पर संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग जबलपुर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आदेश निरस्त कर दिया गया और श्री मालवीय को पुनः रानी अवंती बाई स्कूल मे अपनी ज्वाइनिंग देनी पड़ी।
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