रेवांचल टाईम्स - मंडला, सोचा था कि बीजाडांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्लॉक मैडिकल अधिकारी बदलने से क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक हो जाएगी लेकिन जब से नये बीएमओ ने बीजाडांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चार्ज संभाला है तब से पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमारा गई हैं। सीएससी से लेकर पीएससी तक में डॉक्टर व अन्य कर्मचारी नही मिलते है। जिसकी वजह से क्षेत्र की आदिवासी जनता को झोला छाप डॉक्टरों के यहाँ जाने को मजबूर हैं।
सीएससी और पीएससी में नही मिलते डॉक्टर
मध्यप्रदेश सरकार ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए ब्लॉक मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामो में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोल रखे हैं और वहाँ पदस्थ डॉक्टरों व अन्य कर्मियों को लाखों रुपये की तनख्वा दे रहे है लेकिन उसके बाउजूद उन केंद्रों पर नातो डॉक्टर मिलते और नाही कोई अन्य स्टाप अगर वही हम बीजाडांडी क्षेत्र की बात करे तो यहाँ पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित क्षेत्र में छिंदगांव, विजयपुर और समनापुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोल रखे हैं लेकिन इन केंद्रों में मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। छिंदगांव क्षेत्र से आई देवकी नामक महिला ने बताया में पिछले कई दिनों एक्सरा व खून की जांच कराने छिंदगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व बीजाडांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर काट रही हूँ लेकिन आज तक नातो मेरा एक्सरा हुआ और नाही खून की जाँच हो पाई। हमने इसका कारण महिला से पूछा तो महिला ने बताया कि नातो छिंदगांव में डॉक्टर मिलते है और नाही बीजाडांडी के अस्पताल में। अब सवाल यह उठता है कि जब सरकार इन डॉक्टरों व कर्मचारियों को मोटी मोटी तनख्वा देरही है तो ये लोग ईमानदारी से अपनी ड्यूटी क्यों नही करतें।
डिलीवरी व जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर पैसे माँगने के लगे गंभीर आरोप,
वही जानकारी के अनुसार क्षेत्र के जमुना उईके ने डॉक्टरों व स्टाप पर आरोप लगाते हुए बताया में अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने बीजाडांडी अस्पताल लाया था कुछ देर बाद पत्नी का चेकप करके बोले कंडीशन खराब है जबलपुर रिफर करना होगा। तो मैने कहा मेरी आर्थिक स्तिथि ठीक नही है यही पर डिलीवरी करादो तो वहाँ मौजूद एक डॉक्टर और अन्य ने कहा जबलपुर जाओगे तो 20 से 30 हजार रुपये लगेंगे आप यही कुछ पैसे की व्यवस्था करा दो। जब मैने अपने दोस्तों व रिस्तेदारो से उधार लेकर इनको पैसे दिए जब कही जाकर मेरी पत्नी की डिलीवरी कराई। लेकिन अभी तक मुझे मेरे बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नही दिया आज जब में जन्म प्रमाण पत्र लेने आया तो मुझ से 300 रुपये मांगे जारहें है। जबकि बीते दिनों इन्ही कुछ हरकतों की वजह से यहाँ के लेखापाल को जबलपुर लोकायुक्त ने पैसे लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। लेकिन उसके बाउजूद बीजाडांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार नही आरहा है।
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