दैनिक रेवांचल टाइम्स - जबलपुर पितृपक्ष में चल रहे अनुष्ठान गीता पारायण प्रवचन के अंतर्गत आज स्वामी गिरजानंद जी महाराज ने कहा की मृत्यु सिर्फ परिवर्तन मात्र है जीव का जन्म होता है बाल्यावस्था आती है यौवन आता है वृद्धावस्था आती है और मृत्यु हो जाती है आत्मा ना जन्म लेता है ना उसकी मृत्यु होती है आत्मा को ना कोई शस्त्र काट सकता है ना कोई अग्नि जल सकती है इसको जल गल नहीं सकता और वायु सुख नहीं सकता शरीर के नष्ट होने पर भी आत्मा का नाश नहीं होता आत्मा अमर है इस सिद्धांत के अनुसार पितरों का अस्तित्व भी सिद्ध हो जाता है हमारे पितर किसी न किसी रूप में किसी न किसी लोक में रहते हुए हमसे तर्पण पिंडदान आदि की आशा करते है इसलिए प्रत्येक सनातनी को श्रद्धापूर्वक अपने पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहिए तर्पण करना चाहिए पिंडदान करना चाहिए एवं उनके शांति के लिए प्रार्थना करना चाहिए
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ दीपक सोनी श्रीमती गिरिजा सोनी अनीता दुबे माया नामदेव प्रेमलता सोनी श्रीमती बर्मन श्रीमती रेखा सचिन खरे संतोष सोनी आदि की उपस्थिति रही
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