रेवांचल टाइम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में जिला खनिज अधिकारी के लचीले और निजी स्वार्थ के चलते अबैध खन्नन और खन्नन माफियाओं के सामने नतमस्तक नजर आ रहे है जहाँ जिले की नदी नालों का सीना छलनी कर शाम होते ही रेत का उत्खन्न शुरू हो जाता इन अबैध उत्खन्न में कही न कही सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के नेता और कार्यकर्ताओं ने ही जिम्मेदारी ले रखी है और आज कल अबैध मुर्र्म का उत्खनन भी जोरो पर चल रहा है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में एक भी मुर्र्म खदान स्वीकृत नही है इसके बाद भी दिन के उजाले में सरकारी भूमि और निजी भूमि से बिना राजस्व और खनिज विभाग से अनुमति लिए ट्रैक्टर चालक मुर्र्म की खुदाई कर रहे है और जिन लोगो आवश्कता है उन्हें सरेआम ट्रैक्टरों और डंफर से ढुलाई की जा रही है और इसकी जानकारी सब को केवल खनिज विभाग के आला अधिकारियों के साथ साथ राजस्व विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों को नही है कि कौन कहाँ से अबैध तरीके से मुर्र्म का उत्खनन कर के निजी लोगो के साथ साथ शासकीय कार्यो में उपयोग की जा रही है चाहे सड़क बनाई गई हो या फिर ग्राम पंचायत में वही जानकारी के अनुसार जब जिले में मुर्र्म खदान स्वीकृत ही नही है तो जो वाहन मालिकों एव मटेरियल सप्लायर के द्वारा ग्राम पंचायतों और अन्य जगहों में जी बिल लगा रहे है क्या वह उचित है या फिर खनिज की चोरी और आखिर जिले में बैठा खनिज अमला इन खनन माफियाओं पर क्यो मेरबान है।
वही एक तरफ प्रदेश के मुखिया सरे मंच से कह रहे कि प्रदेश में माफ़िया राज चलने नही देगे माफियाओं को सरकार और कानून का पावर दिखाएगें वावजूद इसके आज गांव से लेकर नगर तक जगह जगह माफ़ियाओं का राज चल रहा है। सरकार और प्रशासन को प्रदेश के मुखिया ने साफ निर्देश दिए है कि खनन माफियाओं को किसी भी प्रकार से कोई संरक्षण या उन पर कोई कोताही नहीं बरती जायेगी और खनन विभाग को इनका जिम्मा दिया गया है लेकिन शायद ये नियम और कार्य प्रणाली मंडला खनिज विभाग के लिए केवल आदेश बस साबित हो रही है जहाँ मंडला नगर में ही नेहरू स्मारक के एल आई सी भवन के पास ही नव निर्माण तहसील भवन में ठेकेदार के द्वारा डंफरो से भर भर के मुर्र्म खोद कर लाया गया और बन रहे भवन में उपयोग की गई और विकास खण्ड घुघरी में में इन दिनों माफ़िया राज सक्रीय है अबैध मुर्र्म अबैध रेत अबैध गिट्टी ढुलाई की जा रही है जिला खनिज विभाग के जिम्मेदारो को घुघरी से अनेक बार जानकारी दी गई है की घुघरी सहित आसपास के छेत्रो में जम कर अबैध उत्खनन का कार्य चल रहा है पर आज तक केवल कागजों में ही दौरा और जांच हो पाई है जबकि घुघरी में और घुघरी के अन्य क्षेत्रीय स्थानों में रेत से लेकर मुर्रम और क्रेशर की भी कोई जांच आज तक नहीं हुई है और होगी भी कैसे जब खनिज विभाग खुद ही इन अबैध कारोबारियों को मौन सहमती प्रदान कर दी गई तो फिर क्या नियम और क्या कानून आज इन अबैध उत्खनन के चलते जल जंगल जमीन सबको हानि पहुँच रही है पर किसको क्या सबको समय समय मे अपना हिस्सा बेठे बेठे पहुँच कर मिल रहा है तो फिर मौके में जाने की क्या आवश्कता है, और अबैध उत्खनन जिले में बड़ी जनचर्चा का विषय बना हुआ है वही कुछ जिम्मेदारो का कहना है कि जब अधिकारी ही मिले हों तो जांच करेगा कौन और कार्रवाई किस पर की जायेगी
सहमति कहें या हिस्सेदारी सब तो इनके ही द्वारा चल रहा है शासन हर तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करती है लेकिन निजी स्वार्थ के चलते सब शिथिल हो जाते है वही खनिज विभाग की मिलीभगत से घुघरी क्षेत्र में सरकारी भूमि और निजी भूमि में बिना अनुमति के रेत का अवैध भंडारण जगह जगह देखने को मिल जायेगा इस पर आंख मूंदे बैठे रहते है अवैध मुर्रम का उत्खनन बेखौफ किया जा रहा है।
इनका कहना है कि
घुघरी विकास खण्ड में मेरी जानकारी के अनुसार एक भी मुर्र्म खदान को जिला खनिज विभाग ने स्वीकृति नही दी ट्रैक्टर चालक किसी की भी जमीन से खोद कर ढो रहे है क्योंकि लगभग पूरी घुघरी छेत्र में पटपर जमीन है सड़क ठेकेदार भी किसानो को कह दिया कि आपके खेत की मुर्र्म हम निकाल लेते और आपको हम खेत बना कर दे देंगे और जगह जगह गड्ढा खोद कर आगे बढ़ गया है हमारी कौन सुन रहा है कई बार तो हम गाँव वाले जनपद से लेकर जिला तक शिकायत किये है पर ग़रीबो की सुनता कौन है।
रामदीन उइके
किसान ढेको घुघरी
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