अद्भुत सन्यासी कवि के नाम से मंडला जिले का नाम रोशन किया मवई के भयंकर बोस ने
रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरूरत है तो उन्हें पंख लगाने की जिले के प्रतिभावान युवक युवतियों अपनी कला का जौहर और हुनर का लोहा पूरे देश में मानव रहे हैं हजारों खिलाड़ी गोल्ड सिल्वर कर से पदक विजेता है सब अपनी-अपनी कला में निपुण होकर जिले समेत प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं ऐसा ही एक युवा मंडल जिले के अंतिम छोर में बसे छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा वन आंचल विकासखंड मवई में है जो आज साहित्य के क्षेत्र में अपनी कविताओं को लेकर अपनी पहचान अद्भुत सन्यासी भयंकर बोस के रूप में बना चुके हैं उनकी अधिकतर कविताएं अपने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मवई को समर्पित किए गए हैं!
बीते एक माह के अंदर भयंकर बोस (अद्भुत सन्यासी) को भारत के पांच राज्यों से अपनी रचना के लिए सर्वश्रेष्ठ सम्मान पत्र प्राप्त हुआ है
1/विश्व हिंदी सृजन सागर मंच राजस्थान
2/नव कुंभ साहित्य सेवा संस्थान मुंबई महाराष्ट्र
3/भारतीय हिंदी साहित्य अपना मंच उड़ीसा
4/कलम की खनक साहित्य सृजन ग्लोबल मंच असम गुवाहाटी
5/शब्दों की सरिता तूफानी जज्बात मंच उत्तर प्रदेश
6/अखिल भारतीय काव्यधारा मंच मध्य प्रदेश
उपरोक्त सभी मंचों से ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से भयंकर बोस ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी कविताओं और लेखन से संपूर्ण मंडला जिले गृह मवई को गौरव प्रदान किया है जो की बहुत अनुकरणीय है हिंदी साहित्य में हिंदी साहित्य में मंडला जिले के अंतिम छोर पर बस आदिवासी बैगा बाहुल्य से हिंदी भाषा के लिए ऐसी साहित्यिक रचनाएं और कविता सोशल मीडिया में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
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