रेवांचल टाईम्स - मंडला मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीन राज्यो में आगामी समय चुनाव की घोषणा हो चुकी है चुनाव आते ही सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने अनेको प्रकार का लालच लगभग 70 सालों से देते आ रहे न जनप्रतिनिधि वादे कर कर के थक रहे और न जानता सुन सुन के थक रही है ये हर पांच वर्षों के बाद होने वाली सरगर्मी है।
वही वर्तमान में कांग्रेस के द्वारा यात्रा निकाल कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है और जंगलों में निवासरत बैगा आदिवासियों के हित को लेकर सरकार के द्वारा आदिवासी जिलों एवं ब्लॉकों में प्राथमिक एवं लघु वनोपज समिति एवं जिला यूनियन में आदिवासी अध्यक्ष हेतु आरक्षण रखा गया था, जिसे वर्ष 2014 में केन्द्र में भाजपा सरकार के आते ही समाप्त कर दिया गया।
वही वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार द्वारा देश में लाये गये बन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त दावों में से 51% दावा भाजपा सरकार द्वारा निरस्त किये गये हैं, पात्र लोगों का वन अधिकार दिलाना। प्रदेश के 15608 वन समितियों को वैधानिक अधिकार देना एवं पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय दिये जाने वाली विकास राशि एवं सुरक्षा राशि पुनः प्रदान करना। तेन्दूपत्ता की संग्रहण राशि दर प्रतिमानक बोरा 3000 से बढ़ा कर बोनस राशि सीधे संग्रहक के खाते में डाली जायेगी बनों पर आश्रित आदिवासी एवं अन्य समाज के भाई बहनों को लघु वनोपज की उचित मूल्य पर खरीदी करणं एवं जिला स्तर प्रसंस्करण केन्द्र खोलना वर्तमान में भाजपा सरकार द्वारा बंद पड़े वन-धन केन्द्रों के ताले खुलवाना |
वही म.प्र. के समस्त शहरों में शहर बन (सीटी फोरेस्ट) का निर्माण कर ऑक्सिजन बैंक का स्थापना कर पर्यावरण को सुधारना। गैर आदिवासी किसानों के खेतों में लगे वृक्षों को काटने की अनुमति को सरल कराना तथा आदिवासी वृक्षहित संरक्षण अधिनियम 1999 के अंतर्गत आदिवासी भाईयों के खेतों में लगे वृक्षों की कटाई की अनुमति को सरलीकरण कराना जो कि वर्तमान भाजपा सरकार में प्रदेश के कोई भी जिला कलेक्टर प्रदान नहीं कर रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओला पाला आदि से होने वाले वनोपज के नुकसान को कृषि फसल की तरह किसानो को RBC की तरह मुआवजे का प्रावधान कराना।
शासकीय कार्य करते हुए यदि कोई वनकर्मी वन माफिया या शिकारियों द्वारा मार दिया जाता है तो उन्हें मुआवजा दिलाकर पुलिस विभाग की तरह सम्मान जनक राशि दिलाना तथा उसके परिवार के सदस्य को नौकरी प्रदेश की श्रम आयुक्त द्वारा निर्धारित मजदूरी 371 रू. को मनरेगा के कार्यों में भी लागू करवाना।
आदिवासी बाहुल्य जिलों में आदिवासी संस्कृति को बढ़ाने एवं सामाजिक कार्यक्रम हेतु भवन की हिंसक वन प्राणियों से होने वाली मानव क्षति का मुआवजा वर्तमान भाजपा सरकारद्वारा प्रदान किया जा है उसे बढ़ाया जायेगा
No comments:
Post a Comment