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Saturday, August 19, 2023

ये है डिजिटल इंडिया... जान की बाजी लगाकर बच्चे जा रहे हैं स्कूल.....उफनती नदी और इसे पार करते बच्चे...शर्मसार करने वाली खबर पढ़ें

 ये है डिजिटल इंडिया आज भी मुलभूत सुविधाएं से है नवनिहाल जान की बाजी लगाकर बच्चे जा रहे हैं स्कूल, शाशन प्रशासन हैं बेखबर..
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ये है डिजिटल इंडिया पर आज भी मुलभूत सुविधाएं है लापता, नवनिहाल बच्चे जान की बाजी लगाकर जा रहे हैं स्कूल, शासन प्रशासन हैं बेखबर...


रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिले में निवासरत ग्रामीण आज भी 18 वी 19 वी सदी में जी रहे है चुनाव आते है जाते है नेता भी ग्रामीण लोगों को नए नए सपने दिखा कर अपनी रोटी सेक आगे बढ़ते है और देश आज डिजिटल इंडिया बन रहा है लोग चांद में घर बनाने की बात कर रहे हैं और मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों के हाल बेहाल है न कोई देखने वाला है और न ही सुनने वाला है बड़े तो बड़े बच्चों तक नेताओँ का दंश झेल रहे है और नवनिहाल अपना जीवन सवारने जिंदगी को हाथ मे रख पढ़ने जा रहे है। पर इन नवनिहालो की चिंता किसी नेता और न जिम्मेदार अधिकारियों को नजर आ रही है।

           डिंडौरी जिले के बजाग, करंजिया विकासखंड अंतर्गत चकमी ग्राम पंचायत  हड्सत्ती गांव के नवनिहाल बच्चे जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार कर स्कूल जाने के लिये मजबूर हैं। आपको बता दें कि करंजिया विकासखण्ड में चकमी ग्राम पंचायत के हड्सत्ती टोला के रहने बाले आदिवासी बच्चे दो किलोमीटर पेदल चलकर प्रति दिन अपनी जान जोखिम में डालकर सिवनी नदी को पार कर बोयरहा गांव के प्राथमिक शाला स्कूल में पढ़ने जाते हैं।   

        वहीं इन बच्चों को स्कूल भेजने के बाद उनके माता पिता आये दिन भयभीत रहते और अपने जिगर के टुकड़ों के सकुशल घर बापस लौटने का इंतजार करते हैं फिर भी वोट की राजनीति करने वाले क्षेत्रीय नेताओं को शर्म आनी चाहिये कि केवल राज गद्दी के इन भोले भाले ग्रामीणों के पास जाकर हाथ जोड़ कर वोट मांगते है उन्हें तरह तरह के सपने दिखाते है और जीतते ही ग़ायब हो जाते है और ग्रामीणों से लेकर बच्चे तक कठिन राह पर चल कर स्कूल जा रहे पर जिम्मेदारो को बच्चों से कोई लेना-देना नही है गौरतलब यह है कि यह इलाका चारों तरफ जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है जिसके कारण नदी का जलस्तर कभी भी अचानक बढ़ जाता है, नदी पार करने के दौरान यदि जलस्तर बढ़ता है तो हादसा कितना भयावह होगा जिसका अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है  कि नदी पर पुल नही होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और गांव में किसी भी महिला एवं पुरुष का स्वास्थ्य खराब हो जाता है तो एम्बुलेंस भी नही पहुंच पाती हैं ग्राम वासी देव सिंह राम सिंह द्वारा बताया जा रहां हैं कि नदी में तेज बहाव के वजह से कई दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते पुल बनाने के लिए नेताओ से लेकर प्रशासन तक कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज  तक किसी ने सुध नहीं ली। हैरत की बात तो यह है कि सांसद और  विधायक ने भी नदी पर पुल बनवाने की पहल नही की। 

इनका कहना

हमने जिला प्रशासन से कई बार मांग की हैं बोयरहा गांव में सिवानी नंदी पर पुलिया बनाई जाए लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं हो पाई हैं स्कूल जाने वाले बच्चे को नदी पार करके जाना पड़ता हैं।

                 निर्भय सिंह नेताम सरपंच चकमी


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