रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले की जनपद पंचायत नैनपुर में खुला भ्रष्टाचार की शिकायत में नही की जा रही कार्यवाही पूर्व पटवारी प्रदीप उसराठे एवं देवेंद्र नेताम आर. आई ने मिलकर भू माफिया को लाभ देने के उद्देश्य से किया सरकारी अभिलेखों में कर दिया फेर बदल
वही जानकारी के अनुसार सीमांकन के लिऐ भटक रहा आवेदक राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आवेदक को कर रहे परेशान
प्रदेश के मुख्यमंत्री की बात वह माफिया जो भी हो उससे उखाड़ फेंकने की बात झूठी साबित हो रही है। क्योंकि उनके ही राज में नैनपुर नगर में तहसील परिसर की शासकीय भूमि को करोड़ों में बेच कर कुछ भूमाफिया और राजस्व के कर्मचारियों ने मिलकर बेच दिया है। जिस बात का खुलसा बात जांच में भी हो चुका है। उसके बाद भी नैनपुर राजस्व विभाग के कर्मचारी और जिला प्रशासन मंडला के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करना बड़े सवाल खड़े कर रही है। जिससे साफ स्पष्ट होता है। कि भू माफिया की जड़ पर इतने अंदर तक जम चुकी हैं। प्रशासन भू माफिया पर कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन सोच रहा है मगर अब देखना यह है कि क्या भू माफिया जिला प्रशासन जड़ से उखाड़ने के लिए कोई कार्रवाई करता है। या नही आवेदक को न्यायालय की शरण में जाना होगा
सीमांकन के लिऐ भटक रहा आवेदक राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आवेदक को कर रहे परेशान
नैनपुर नगर के निवासी आवेदक डॉक्टर रितेश नवानी ने विगत दिनों तहसील परिसर की भूमि खसरा नंबर 161 और 162 का सीमांकन जीपीएस मशीन से कराया जिसकी सर्वे रिपोर्ट में तहसील परिसर की भूमियों पर लोगों के मकान एवं प्लॉटों का अतिक्रमण पाया गया किंतु आज दिनांक तक भू माफिया कांग्रेस नेता पर शासकीय भूमि विक्रय किए जाने की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई जिनके मकान एवं प्लॉट शासकीय भूमि पर पाए गए उन लोगों पर अतिक्रमण प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया गया इससे यही सिद्ध होता है कि राजस्व विभाग को माफिया एवं उसके परिवार वालों को संरक्षण प्रदान कर रहा है जिसके कारण सीमांकन नही होने दिया जा रहा है। जिसके लिऐ आवेदक भटक रहा वही राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आवेदक को कर रहे परेशान है।
तत्कालीन पटवारी प्रदीप उसराठे और देवेंद्र नेतामआरआई ने तो सरकारी अभिलेखों में की फेराफेरी और नाम पर कर दी दर्ज
वहीं राजस्व विभाग के पूर्व पदस्थ विवादित पटवारी प्रदीप उसराठे और देवेंद्र नेतामआरआई ने तो सरकारी अभिलेखों को छेड़छाड़ करके पूरे नैनपुर नगर की सरकारी जमीनों पर भू माफियाओं को कब्जा दिलवा दिया इसी तारतम में तहसील परिसर से लगी हुई खसरा नंबर 162 /1 एवं 162 / 2 भूमि जो की मिसल अभिलेख रूढी पत्र में हिंदुओं के शमशान भूमि होना दर्ज है जिसकी मद परिवर्तित करके काबिल काश्त कर दी गई और तो और इस भूमि को जिला अभियोजन अधिकारी के नाम से न्यायालय कलेक्टर महोदय के प्रकरण क्रमांक ०7(अ-19/j) 2015-16एवं आदेश दिनांक 27/02/2016 से परिवर्तित करके भूमि आवंटन भी कर दी गई जहां पर पूर्व में नैनपुर के सभी हिंदू लोगों ने अपने पूर्वजों की अंत्येष्टि की है जिसका नैनपुर नगर प्रत्यक्ष प्रमाण देता है हमारे रूढियों से चले आए हिंदू शमशान भूमि को भू माफियाओं को इसी तरह के पटवारी एवं आर आई से मिलीभगत करके लाभ लेने के उद्देश्य से मद परिवर्तन करके शासन को धोखा दे दिया है आखिर प्रशासन सरकारी भूमियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले वाले दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कब तक नकेल कसेगा या फिर प्रशासन भी मूकदर्शक बनकर के इन भू माफियाओं से सांठगांठ करने लगा है मगर जिला प्रशासन और तहसीलदार की कार्य प्राणली देखकर लगता है। भू माफिया के द्वारा नगर में खुले रूप में कहा जाता है। शासन और जिला प्रशासन मेरा कुछ नही कर सकता है। और कार्यवाही नही होने से बड़े सवाल खड़े हो रहे है।
इनका कहना है।
मेरे द्वारा स्वयं की भूमि का सीमांकन के लिऐ आवेदन किया गया था। मगर भू माफिया के द्वारा मेरी भूमि के सीमांकन में भी आपत्ति दर्ज करवा रोक लगा दी गई। राजस्व विभाग मेरी भूमि का सीमांकन किया जाए ।
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