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Monday, July 10, 2023

सोशल मीडिया से दिमाग की पावर हो रही कम, रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे



आजकल लोगों में सोशल मीडिया का बहुत क्रेज देखने को मिल रहा है। युवा ही नहीं बल्कि हर वर्ग के लोग मोबाइल में सोशल मीडिया स्क्रॉल करते नजर आते हैं। कई लोग तो घंटों तक सोशल मीडिया चलाते रहते हैं। बाहरी दुनिया में क्या चल रहा है, उसकी अपडेट्स, दोस्तों से कनेक्ट रहने के लिए हर कोई किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ा है। सोशल मीडिया एक वर्चुअल दुनिया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी मानसिक सेहत के लिए कितनी खतरनाक है। एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि ज्यादा देर तक सोशल मीडिया चलाने से आपको कई तरह की मानसिक परेशानियां हो सकती हैं।

हो सकती हैं ये परेशानियां
सोशल मीडिया एक वर्चुअल दुनिया है, जो आपको दूर रहकर भी फ्रेंड्स के पास रहने का एहसास कराती है। लेकिन यह मेंटल हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादा देर तक सोशल मीडिया चलाने से डिप्रेशन, टेंशन अकेलापन, सेल्फ-हार्म और खुद को नुकसान पहुंचाने वाले निगेटिव थॉट्स का जोखिम कई गुना तक बढ़ सकता है।

स्टडी में हुआ ये खुलासा
सोशल मीडिया के मेंटल हेल्थ पर इफेक्ट को लेकर प्यू रिसर्च सेंटर ने 1,300 से ज्यादा टीनएजर पर सर्वे किया। इसमें पता चला कि 35% से ज्यादा टॉप-5 सोशल मीडिया प्लेटफार्म में से किसी एक पर सबसे ज्यादा समय बिता रहे हैं। इनमें यूट्यूब, टिकटॉक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और फेसबुक शामिल हैं. इसका सबसे ज्यादा असर दिमाग पर देखने को मिल रहा है।

मेंटल हेल्थ और नींद पर असर
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक रिसर्च किया, जिसमें उन्होंने पता लगाने की कोशिश की दिन में 30 मिनट से ज्यादा सोशल मीडिया का यूज दिमाग को किस तरह प्रभावित कर सकता है। इस स्टडी में दो हफ्ते तक जिन छात्रों ने इसका उपयोग कम किया, उनमें से ज्यादातर में बेहतर साइकोलॉजिकल वेल बीइंग और बढ़िया नींद की स्थिति पाई गई।

सोशल मीडिया कम यूज करने पर दिखे ऐसे परिणाम
मनोचिकित्सक का कहना है कि अगर आप सोशल मीडिया पर जो समय बिता रहे हैं, उसे कम करते हैं तो चिंता, डिप्रेशन, अकेलापन और निगेटिव विचार कम होती हैं और पॉजिटिव एनर्जी आती है। यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया में हुई एक स्टडी बताती है कि जिस ग्रुप के लोगों ने सोशल मीडिया का यूज कम किया, उनमें 3 हफ्ते के अंदर ही अकेलापन और डिप्रेशन की भावनाओं में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है। इस आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि, सोशल मीडिया भले ही वर्चुअली लोगों से कनेक्ट करता है लेकिन इसके गंभीर नुकसान भी होते हैं।

नेगेटिव कमेंट्स का भी होता है दिमाग पर असर
स्टडी बताती है कि सोशल मीडिया पर कम से कम समय बिताना चाहिए। सोशल मीडिया नेगेटिव कमेंट्स भी बहुत आते हैं। अगर आपकी किसी पोस्ट पर नेगेटिव कंटेंट्स आते हैं तो इसका सीधा असर दिमाग और उसके काम करने पर पड़ता है।

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