रेवांचल टाईम्स - मण्डला पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है जनसंख्या की तेजी से बढ़ते हुए प्रभाव के कारण प्रकृति में अनेक समस्याएं सामने आ रही है आज हर देश के सामने सबसे बड़ी समस्या यही है कि हम जनसंख्या को कैसे संतुलित कर सकें 11 जुलाई 1989 को पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहल की थी जैसे लगातार लोगों के अंदर जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए अनेक राष्ट्रों के द्वारा कानून बनाकर समस्याओं को पूरा करने का समाधान ढूंढ रहे हैं पूरी दुनिया में जनसंख्या 8 अरब से ज्यादा हो गई है इसके कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के कारण पर्यावरण में तेजी से बदलाव हो रहा है प्रकृति का असंतुलन हो रहा है लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा स्वास्थ सहित कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है ऐसे में विश्व जनसंख्या दिवस के जरिए लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा की तरफ विश्वव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जाना जरूरी है इसी तारतम्य में केंद्रीय विद्यालय में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर छात्राओं को श्री उपेंद्र पांडे प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय
के द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या प्रकृति का विनाश का एक कारण भी है इसलिए हमें संतुलित कर हर व्यक्ति को एक पौधा लगाना अति आवश्यक है क्योंकि जनसंख्या का सबसे अधिक प्रभाव प्रकृति पर पड़ रहा है जो कि अत्यधिक दोहन मानव के द्वारा किया जा रहा है आने वाली पीढ़ी के लिए एक खतरनाक साबित होगा इसलिए जरूरी है कि आज से ही हम नई जनरेशन को आने वाली पीढ़ी को इस बात से अवगत कराएं की पापुलेशन को संतुलन करना अति आवश्यक है इस अवसर पर विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन इको क्लब के छात्रों के द्वारा किया गया एवं छात्रों से अपने परिवार सहित 1पौधा लगाकर विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर प्रकृति को संतुलन करने में सहयोग प्रदान करने हेतु छात्रों से अपील की गई कार्यक्रम में आरके छतरी द्वारा कार्यक्रम का संयोजन किया गया कार्यक्रम में शहर को स्वच्छ बनाने हेतु छात्रों से अपील की गई इस अवसर पर जल संरक्षण पर्यावरण संरक्षण विद्यालय को पॉलिथीन प्रदूषण रहित बनाना जैसे अनेक आयोजन पर्यावरण श्रृंखला के माध्यम से किया जा रहा है जिसमें अनेक छात्र शामिल हो रहे हैं।
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