मण्डला 1 जुलाई 2023
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि बरसात के दिनो में सर्प के काटने के अत्यधिक केस सामने आते हैं। सर्प के काटने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। आमजन सर्पदंश को अनदेखा ना करें। पीड़ित को किसी नजदीकी अस्पताल में तुरंत लेकर जाएं। झाड़-फूक में ना रहें। सांप के दांत के नीचे विष की थैली होती है। सर्प काटने पर विष सीधे शरीर में खून के माध्यम से फैल जाता है। सामान्यतः जहरीले सापों के काटने पर दांतों के दो निशान अलग ही दिखाई देते हैं। गैर विषैले सांप के काटने पर दो से ज्यादा निशान हो सकते हैं। परंतु ये दिखाई नही देते हैं। ये सोचना गलत होगा कि सांप ने नहीं काटा। ज्यादातर सांप गैर विषैले भी होते हैं।
लक्षण
सांप के काटने पर लगभग 95 प्रतिशत मामलों में पहला लक्षण नींद का आना, इसके साथ ही निगलने या सांस लेने में तकलीफ होना। आमतौर पर सर्पदंश पर आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
यह ना करें
रस्सी से ना बांधे, ब्लेड से ना काटें। पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल न करें। मुँह से खून ना चूसें। ओझा-गुनिया के पास ना जायें। अंधविश्वास में ना पड़ें।
यथा संभव निम्नानुसार कार्य करें
सांप के काटे व्यक्ति को दिलासा दिलायें। घटना के तथ्यों का पता लगायें। गीले कपडे़ से डंक के जगह की चमड़ी को साफ करें जिससे वहाँ पर लगा विष निकल जाये। सांप काटे व्यक्ति को करवट सुलायें क्योंकि कई बार उल्टी भी होने लगती है, करवट सुलाने से उल्टी श्वसन तंत्र में ना जाये। जहाँ पर सांप ने काटा है उस स्थान पर कपडे़ से हल्का सा बाँध देवें ताकि हिलना-डुलना बंद हो जाये।
उपचार
सांप काटे व्यक्ति को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाने की व्यवस्था बनायें। सर्प के काटने के जहर को मारने के लिए अस्पताल मेंएंटी स्नेक इंजेक्शन निःशुल्क लगाया जाता है, जो अस्पताल में उपलब्ध है। डॉक्टर की सलाह अनुसार उचित उपचार कराएं।
बचाव
अंधेरे में ना जाएं। गड्ढों या बिलों में हाँथ ना डालें। झाड़ियों में ना जायें। पानी भरे गड्ढों में ना जायें तथा पैरों में चप्पल-जूते पहनकर चलें।
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