बुधवार को रज़ा फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा युवा मूर्तिकारों के रज़ा शिविर का आयोजन किया गया। जबलपुर रोड स्थित होटल विट्ठल इन होटल में मूर्तिकारों का यह शिविर 5 जुलाई से लेकर 12 जुलाई तक चलेगा। इस शिविर का शुभारंभ केंद्रीय इस्पात व ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने किया। इस दौरान उन्होंने शिला पर छेनी हथौड़ी से हाथ भी आजमाया। देश के विभिन्न कोनों से आए मूर्तिकारों से उन्होंने आत्मीय चर्चा करते हुए उनसे उनके हुनर के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान उन्होंने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरीके से रज़ा साहब ने मंडला का नाम पूरे विश्व में पहुंचाया है, अब उसी तरह से रज़ा फाउंडेशन ने मंडला में कला के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को आयोजित कर मंडला का नाम को काफी ऊंचा किया है। केन्द्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी और मंडला व उसके आसपास के कला के शौकीन लोगों से अपील भी की कि वो इस शिविर में आए और हमारे युवा कलाकारों की कलाकारी को देखें।
ख्यातिलब्ध कलाकार कर रहे शिरकत
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कला के क्षेत्र में लगातार हो रहे विभिन्न कामों के चलते मंडला जिले का नाम काफी आदर से लिया जा रहा है। कलाकार भी रज़ा साहब की इस भूमि में आकर खुद को भाग्यशाली समझते हैं कि उन्हें इस भूमि में अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा है। इस शिविर में बस्तर के धरम नेता, नई दिल्ली की दीपिका गौतम, रायपुर के जितेंद्र साहू, मालभोग के अशोक भामा, अमरकंटक के जयपाल सिंह टेकाम, खोही के रामेश्वर प्रजापति, खैरागढ़ के उमेश कुमार नेताम, सारंगढ़ की करुणा सिदार, खैरागढ़ से दिनु घाट और विजय नगर से सब्बवरपु वीएस राव शामिल हैं। इस शिविर का संयोजन वरिष्ठ कलाकार योगेंद्र त्रिपाठी कर रहे हैं। शिविर में जो अलग-अलग प्रदेशों से कलाकार आए हैं जिसमें शिविर में देश के अलग-अलग क्षेत्र जैसे- नॉर्थ ईस्ट, साउथ, सेंट्रल इंडिया, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के कलाकार भी शामिल हैं।
रज़ा की भूमि पर कलाकारों की प्रतिक्रिया
कलाकार दिनु घाट ने कहा कि मंडला में पहली बार आया हूं। रज़ा फाउंडेशन द्वारा मूर्तिकारों के रज़ा शिविर का आयोजन किया गया है जो 7 दिन चलेगा। इस में हम ग्रेनाइट के पत्थरों में अपनी कलाकारी दिखाएंगे। मंडला के आसपास के सभी लोगों से निवेदन है कि वह आए और हमारा काम देखकर हमारा उत्साहवर्धन करें। उमेश कुमार नेताम ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि खैरागढ़ से हैदर रज़ा की पवित्र भूमि पर आया हूं। हम कलाकारों और कला साधकों के लिए यह बहुत बड़ा मौका है। इस कैंप में युवा कलाकारों को मंच दिया गया है जिसमें पत्थर में हम मूर्ति बनाने का कार्य करेंगे। करुणा सिदार ने बताया कि उन्होंने खैरागढ़ से मूर्तिकला की पढ़ाई की है। यहां जो युवा मूर्तिकारों का जो शिविर लगा है, उसमें हम अलग-अलग जगह से आए हैं। यह हमारे लिए बहुत अच्छा अवसर है, अपनी कलाकृतियों को इन पत्थरों में उकेरने के लिए। कला के शौकीनों से मेरा निवेदन है कि वह 5 से 12 जुलाई तक जो शिविर है उसमें आए, हमारे काम को देखें और हमारा हौसला बढ़ाएं।
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