डायबिटीज की बीमारी दुनिया भर में सबसे अधिक मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, डायबिटीज मरीजों की संख्या 2030 दोगुना हो जाएगी, जोकि एक चिंता का विषय है. हालांकि चाहे यह स्थिति जीवनघाती हो, डायबिटीज को कुछ लाइफस्टाइल के सुधारों और कुछ आसान घरेलू उपचारों का पालन करके कंट्रोल किया जा सकता है.
डायबिटीज के साथ जीना आसान नहीं होता है. यह एक जटिल रोग है, लेकिन कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मदद से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है. इसलिए, आज हम आपको शरीर में एकदम से बढ़ जाने वाले ग्लूकोज के खतरे को कम करने के लिए कुछ प्रभावी जड़ी-बूटियों की जानकारी देंगे. इन्हें आप रोजाना अपनी डाइट में शामिल करके डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं.
डायबिटीज को कंट्रोल करने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
1. धनिया के बीज
धनिये के बीजों की डायबिटीज से निपटने की क्रिया के बारे में अच्छी रिपोर्टें हैं, जिससे पैंक्रियास कोशिकाओं से इंसुलिन का अधिक उत्पादन होता है. धनिये के बीजों से शरीर के खून में मौजूद शुगर को हटाने के लिए जिम्मेदार एंजाइमों की गतिविधि बढ़ सकती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में कमी होती है.
2. मेथी के बीज
मेथी के बीजों में एक मुक्त अप्राकृतिक एमिनो एसिड (4-हाइड्रोक्सी आइसोल्यूशन) मौजूद होता है, जो शरीर के पैंक्रियास आइलेट कोशिकाओं में ग्लूकोज के प्रेरित इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाता है. मेथी के बीजों में 50 प्रतिशत फाइबर होता है, जो इसके हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव का एक और कारण है.
3. दालचीनी
दालचीनी इंसुलिन के प्रभाव की नकल करके और खून में शुगर को कोशिकाओं में ले जाने की गति को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को कम करने और डायबिटीज से लड़ने में मदद कर सकती है. यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में भी मदद कर सकता है, जिससे सेल्स में शुगर को ट्रांसफर करने में इंसुलिन अधिक कुशल हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. रेवांचल टाईम्स इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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