रेवांचल टाईम्स - मण्डला जिला मुख्यालय से लगभग 15 कि.मी. की दूरी पर और मण्डला जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सिलपुरा के पोषक ग्राम बुजबुजिया में संचालित प्राथमिक शाला के जर्जर भवन के होने की दशा में नये अतिरिक्त कक्ष भवन के लिए बर्ष 2012-13 में शासन से लगभग 3 लाख 1 हजार रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिसपर विभाग जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सिलपुरा को बनाते हुए राशि लगभग 1 43566/- ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी के खाता क्रमांक 948510110004309 बैक आफ इंडिया मण्डला में जमा की गयी थी। किन्तु जिले का दुर्भाग्य है की इन दस सालों बाद भी शाला का भवन आज तक नहीं बनाया गया ना ही निर्माण से संबंधित कोई कार्य कराया गया, जिससे यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि आखिर स्वीकृत राशि कहां गयी?
बतादें कि प्राथमिक और माध्यमिक के समस्त शाला भवनों की मरम्मत कार्य या निर्माण कार्य की जबावदारी जिला शिक्षा केन्द्र की होती है तो फिर प्राथमिक शाला बुजबुजिया के अतिरिक्त कक्ष का निर्माण जो दस बर्ष पहले स्वीकृत हुआ था वह अभी तक क्यों नही हो सका, जिसकी पूरी जबावदेही जिला शिक्षा केन्द्र की बनती है। मान लिया जाये की निर्माण एजेंसी पंचायत थी तो जिला शिक्षा केन्द्र की जबावदारी निरीक्षण की होती है किन्तु यहां यही लापरवाही के चलते आज इस स्कूल के बच्चे जर्जर स्कूल मे बैठकर अध्ययन करने को मजबूर हैं किन्तु अगर इन मासूम बच्चों के साथ को होनी अनहोनी घटना होती है तो फिर जबादार कौन होगा, इसका जिला शिक्षा केन्द्र के आला अधिकारियों को देना होगा।
क्योंकि शाला प्रबंधन एवं अध्ययन कर रहे बच्चों के अभिभावकों का कहना है वर्तमान में जहां स्कूल संचालित हो रहा है वह पूरा बारिश के समय मे टपकता है और लेंटर की छपाई के धपरे आये दिन गिरते रहते हैं, कभी भी कोई भी बच्चा इन गिर रहे धपरों से चोट आ सकती है। वहीं अभिभावक यह भी कह रहे हैं अगर विभाग समय मे स्कूल की मरम्मत या नये कमरे का निर्माण नही कराता तो हम बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे क्योंकि हमारे बच्चे स्कूल मे खतरों के बीच मे बैकर अध्ययन कर रहे हैं। उससे यह अच्छा होगा की वे घर मे ही सुरक्षित रहे।
मासूम बच्चों के साथ हो रही अनदेखी के संबंध मे दैनिक समय जगत भोपाल द्वारा दिनांक 18 मई 2023 एवं 10जून 2023 को समाचार का प्रकाशन जिला प्रशासन के संज्ञान मे लाया गया बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा इन मासूम बच्चों के भविष्य को देखते हुए कोई दिशा निर्देश विभाग को नही दिये गये।
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