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Friday, June 2, 2023

चुटका आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे असम के सांसद



दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला कल चुटका के ग्रामीणों को सूचना मिला कि कोकराझार असम के निर्दलीय सांसद नव कुमार सरनिया (हीरा भाई) का उनके गांव में आगमन हो रहा है।सांसद नव कुमार सरनिया वर्तमान में श्रम वस्त्र और कौशल विकास सबंधि स्थायी समिति,गृह मंत्रालय परामर्शदात्री समिति एवं उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति के सदस्य हैं।उनके साथ पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके भी थे।बिलम्ब से जानकारी मिलने कारण आनन फानन में लोग दुर्गा मंच पर इकठ्ठे हुए और उनका स्वागत किया।चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति ने अपनी बात रखते हुए सांसद महोदय को बताया कि हमलोग एक बार 90 के दशक में  बरगी बांध से विस्थापित हो चुके हैं।उस समय प्रदेश में कोई पुनर्वास नीति नहीं होने के कारण पुनर्वास का लाभ विस्थापितों नहीं मिला।मुआवजा भी इतना कम था कि बाहर जाकर खेती के लिए जमीन लेना संभव नहीं था।अब 2009 से चुटका परमाणु बिजलीघर प्रस्तावित हो गया है जिसके  विरोध में लगातार संघर्ष और ग्राम सभा से इस परियोजना को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है।परन्तु सरकार द्वारा आज दिनांक तक कोई जबाव अथवा संवाद नहीं किया गया है। विरोध के बावजूद काश्तकारों के खाते में 3 लाख 83 हजार रुपए हेक्टेयर की दर से मुआवजा राशि वगैर सहमति के डाल दिया गया है।हमलोग अपनी मातृभूमि नहीं छोङना चाहते हैं।सांसद महोदय ने कहा कि मैं भी एक आदिवासी हूं।देश में  जहां जहां आदिवासी है, उन क्षेत्रों में परियोजना लगाकर  आदिवासी समुदाय को उनके जल जंगल जमीन से बेदखल किया जा रहा है।इसके खिलाफ देश भर के आदिवासी एकत्रित होकर लङाई लङ रहे हैं।परमाणु परियोजना तो बहुत ही घातक है। इसे सघन आबादी वाले इलाके में स्थापित नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए इसे यहां नहीं लगने देना है।मैं इस मुद्दे को संसद में उठाऊगा और प्रधानमंत्री से भी इस सबंध में बात करूंगा।आपके संघर्ष को पूर्ण समर्थन है।आप जब भी मुझे बुलाएंगे मैं आ जाउंगा।पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके ने कहा कि चुटका के संघर्ष को देश में सभी जानते हैं।उन्होने कहा कि युद्ध की स्थिति में दूसरे देश के निशाने पर रहती है ऐसी परियोजना।  जिससे ज्यादा से ज्यादा जानमाल की हानी हो सके।मंडला,सिवनी,डिंडोरी और जबलपुर क्षेत्र के लिए हमेशा खतरा बना रहेगा।इसलिए इस परियोजना को रोका जाना आवश्यक है।कार्यक्रम में गेहबर सिंह, चमारी लाल,कमल सिंह बरकङे,ओपी लाल बरकङे,रौशन, सर्जन, मीराबाई, सोनाबाई, गोमतीबाई,मुन्नबाई भूतपूर्व सरपंच की विशेष उपस्थिति रही।

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