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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Wednesday, June 7, 2023

लोक निर्माण विभाग में अधिकारी के संरक्षण में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर... जिम्मेदारों ने ठेकेदारों से बांध रखी है हिस्सेदारी




रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मण्डला में इन दिनों नगर से लेकर गांव गांव तक कि सड़कों में मरम्मती करण नई सड़के पुलिया बड़े ही जोर शोर से निर्माण कार्य चल रहे हैं वही दूसरी ओर इन निर्माण कार्यो में विभाग की साठगांठ कर ठेकेदार अपनी मनमानी रवैया अपना रहे और घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे है। लोग निर्माण विभाग के चल रहे निर्माण कार्यो की आये दिन जिला प्रशासन की मुखिया तक शिकायतें पहुँच रही है पर कोई सुधार नही हो रहा है जहाँ एक तरफ सड़के बन रही वही दूसरी तरफ सड़के धस रही है सी सी सड़के दरारें छोड़ रही है। जिस तरह से सालों के बाद लोक निर्माण विभाग कार्य अपने चहेतों ठेकेदारों के माध्यम से करा रहा जिससे लग रहा कि केवल सरकारी धन से होली खेली जा रही है और जनता को मिलने वाली सड़कों में लीपापोती कर अपना हिस्सा लेकर मौन बैठ रहे है और चल रहे निर्माण कार्यों में इन ठेकेदारों पर न उपयंत्री का नियंत्रण है और न ही कार्यपाल यंत्री का जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर किस कदर सरकारी पैसा को पानी मे बहाया जा रहा है।


         वही सरकार का कहना है कि हम सडको का जाल बिछा देंगे वहीं नेता-मंत्रियों द्वारा जहां चुनाव आते ही जांच, धरना, ज्ञापन, बैठक, सभा, जनता की समस्याओं से रूबरू होने के हर तिकड़म अपनाने की तैयारी तेज कर देते हैं वहीं सत्ता मिलते ही सभी विभागों में अपने-अपने नुमाइंदों को बिठाकर आमजनता से दूर कहीं बिल में छुप जाते हैं और चुनाव में खर्च किए गए राशि अपने नुमाइंदों से भ्रष्टाचार के जरिए बसूलते है नतीजा महंगाई, गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य, सड़क, बिजली,पानी,शिक्षा की समस्याओं का पनपना, अपराध में बढ़ोतरी वहीं जब किसी मामले को लेकर शिकवा-शिकायत किया जाता है तो मामले को जांच के नाम पर किसी ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है और दोषियों को संरक्षण प्रदान करने की मनचाहे कीमत बसूल किया जाता है।

नेताओं के चहेतों को सौंपा जाता है कमाई वाली कुर्सी... 

आज सभी विभागों को राजनीति का अड्डा बना दिया गया है, जिसके चलते मनमानी रवैया और भ्रष्टाचारीयों का स्तर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है वहीं शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा जानबूझकर तलवे चाटने का कार्य किया जाता है,नतीजा लापरवाही और भ्रष्टाचार को राजनीति के पानी से सींचा जा रहा है।आज सभी विभागों में नेता मंत्रियों ने अपने चहेतों को बिठा रखा है जिससे उनकी ठेकेदारी खुलेआम चल सके और उनकी कमियों को छुपाया जा सके।जिले में मुख्य कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग शारदा सिंह ठाकुर से विभागीय भ्रष्टाचार और गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण के साथ-साथ शासकीय भवनों के मेंटनेंस कार्य को लेकर आये वजट का गबन मामले में जानकारी चाही गई तो राजनीतिक संरक्षण के चलते स्वयं का पल्ला झाड़ते हुए जवाब देने से बचने को लेकर पत्रकारों से अभद्रतापूर्वक बर्ताव करने लगी,इस मामले को लेकर जब मौके पर खड़े लोगों ने देखा तो उन्होंने श्रीमती ठाकुर को ही ग़लत ठहराया तब उन्होंने गलतफहमी का बहाना बनाकर स्वयं के करतूतों से बचना चाही। वहीं पत्रकारों द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि लोक निर्माण विभाग में चल रहे सभी निर्माण कार्यों की मनमानी गुणवत्ता तय किया जाता है जिसकी गुणवत्ता तय करने की मुख्य कार्यपालन यंत्री शारदा सिंह ठाकुर द्वारा ठेकेदारों से कीमत बसूल की जाती है,वहीं खुलेआम हिस्सेदारी बांटने के चलते ठेकेदारों द्वारा धड़ल्ले से निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है और निर्माण कार्यों को गुणवत्ताहीन तैयार किया जाता है बावजूद इसके जिम्मेदारों द्वारा मूक बनकर शासन-प्रशासन को कागजों में उपयोगिता पूर्ण बताकर चोर-चोर मुसैरे भाई का दायित्व निभाया जाता है।

लोक निर्माण की तैयार सड़कों की गुणवत्ता जांच के कगार पर...

जिला मुख्यालय के नजदीक जहां मुख्य कार्यपालन यंत्री के नाक के नीचे सड़कों को गुणवत्ताहीन तैयार किया गया है बावजूद इसके जिम्मेदारों द्वारा अपनी कीमत वसूल कर दस्तावेजों में लीपापोती कर दिया गया है तो सम्पूर्ण जिले के निर्माण कार्य और भ्रष्टाचार का आंकलन कैसे लगाएं।नांदिया के निकट बह़ंगा मार्ग,कटरा से हाइवे पहुंच मार्ग, बड़ी खैरी से किन्द्री पहुंच मार्ग, मवईजर सड़क मार्ग, मण्डला-घंसोर-बिचुआ मार्ग, रामनगर सड़क मार्ग, चटुआमार सड़क मार्ग, जन्तीपुर सड़क मार्ग, पुरवा सड़क मार्ग, बिनैका सडक मार्ग जैसे अभी और भी अनेकों सड़क मार्ग है जो लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए हैं और सभी की गुणवत्ता जांच के कगार पर अव्वल दर्जे पर है,वहीं शासन-प्रशासन को वी.सी., टीएल. और बैठकों के जरिए सच्चाई को छुपाने का कार्य कर रही मुख्य कार्यपालन यंत्री से आमजनता जांच और कार्यवाही की क्या अपील कर सकती जो स्वयं इस भ्रष्टाचार और लापरवाही में शामिल हैं। वहीं यदि समय रहते ऐंसे भ्रष्टाचारीयों और कमीशनखोरी अधिकारी को जिले से नहीं हटाया गया तो मुश्किल है कि सत्ता पार्टी को एक बार फिर सरकार बनाने का मौका मिल सके क्योंकि इनकी लापरवाही और ठेकेदारी के चलते जिले की हो रही दुर्दशा का खामियाजा इनको कुर्सी पर बिठाने वाले नेता-मंत्रियों को भुगतना पड़ सकता है, और इनकी तिजोरी भरने के चलते सरकार की वोट की तिजोरी में कमी आ सकती है अब तय उन्ही नेता-मंत्रियों को करना है कि अपनी सत्ता मजबूत करने को लेकर ऐंसे भ्रष्टाचारीयों को हटाने में कितना समय लेते हैं कहीं बाद में यह कहना पड़े कि अब पश्चताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत।

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