दैनिक रेवांचल टाइम्स - बिछिया मंडला मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ पाने के लिए लाड़ली बहनों की इस भीषण गर्मी की दोपहरी में भारी फजीहता हो रही हैं। प्रशासनिक अधिकारी आरंभ से ही केवल कागजी आदेश ही जारी करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री किए हुए हैं। मौके पर भटक रही लाड़ली बहनों की सहायता के लिए कोई भी प्रशासनिक अमला देखने वाला नहीं है। लिहाजा आधार एवं समग्र आईडी लिंक करानें, बैंकों में केवाईसी करानें महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
स्थिति यह है कि भारी भीड़ के चलते किओस्क बैंकों में भी घंटों लाईन लगने के बाद भी काम नहीं हो रहा है। बैंक खातों की गड़बड़ी को दूर करानें के लिए अधिकांश बैंकों में केवाईसी की व्यवस्था बनाई गई है।
इसी के चलते किओस्क बैंक संबंधी काम करानें के लिए महिलाओं को कई दिनों चक्कर काटने की मजबूरी बनी हुई है।
और भी बेहाल है। गरीब तबके की अधिकांश महिलाओं द्वारा कियोस्क में भी खाता खोला गया है। इस वजह से उनके खातों में कई तरह की गड़बडियां सामने आ रही हैं। जिसका सुधार केवल बैंक से ही हो सकता है। इस वजह से बैंकों में इन दिनों महिलाओं की भारी भीड़ के चलते अन्य काम-काज प्रभावित हैं।
वहीं अधिकांश महिलाओं के खाते में पैन कार्ड, मोबाईल नंबर दर्ज नहीं किए गए हैं। कुछ महिलाओं के खाते तो आधार से लिंक ही नहीं है। उक्त गड़बडिय़ों को सुधरवाने के लिए बैंकों में केवायसी फार्म भराए जाते हैं। कई तरह के दस्तावेज लगाने के बाद केवायसी फार्म लेकर महिलाएं बैंक खुलते ही कतार में लग जाती हैं।
परेशानी अधिकांश बैंकों में बनी हुई है। चर्चा के दौरान कुछ महिलाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा योजना शुरू करके महिलाओं की परेशानी आवेदन करनें में ही बढ़ा दी गई है। पता नहीं एक हजार रुपए महीने मिलते हैं या नहीं लेकिन बैंक के खातों का सुधार करानें के लिए वह समूचा काम-काज छोंडकर लगातार कई दिनों से चक्कर काट रही हैं।देखा गया है कि किओस्क बैंकों में इतनी भीड़ है कि महिलाएं एवं पुरुष धूप से बचने के लिए दरबदर भटक रही हैं और लोगों के घरों के सामने बैठे नजर आते हैं ना ही उनको बैठने की जगह है और ना ही पानी की व्यवस्था है ना ही किसी प्रकार की कोई व्यवस्था की गई है जिससे बाहर से आए ग्रामीण एवं महिलाएं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
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