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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Saturday, June 3, 2023

जंग ख़ा रहे है पंचायत को मिले ई रिक्शा और रात को छोड़ दिन में भी जल रही स्टेट लाइट बिल ग्रामीणों से किया जा रहा वसूल...

 




रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में हर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहा है। 

          वही मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था नाथ है जिसमें तीन तरह की व्यवस्थाएँ हैं पहला जिला पंचायत स्तर से दूसरी जनपद पंचायत स्तर से व तीसरी पंचायत स्तर से क्रियान्वयन की जाती है ताकि आम जनता को सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही साथ सरकार के द्वारा चलाई जा रही जनहित एवं कल्याण कारी योजनाओं का आम जनमानस को लाम मिल सके। सरकार तो अपना काम कर रही है पर निचले स्तर पर बैठे जिम्मेदार जन-प्रतिनिधि व पंचायत के जन-प्रतिनिधि यों की उदासीनता व लापरवाही के चलते लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। वही जानकारी के अनुसार शासन के द्वारा समग्र स्वच्छता अभियान के तहत सभी ग्राम पंचायतों में ई-रिक्शा गाडी प्रदाय की गई हैं जिससे पंचायतों के वार्डो में फैली गंदगी को इक्ट्ठा कर कचरा घर तक पहुँचाया जा सके जिसके लिये सरकार ने हर ग्राम पंचायतों में कचरा घरों का निर्माण कराया गया है लोगों को बीमारी से बचाने और उन्हें सभी मुलभूत सभी सुविधाएं मिल सकें जिसको लेकर करोड़ों रुपये शासन के द्वारा खर्च किये गये हैं और जगह-जगह नाडेप पद्धति के द्वारा कचरा इकट्ठा करने के लिये कचरा घर बनाये गये हैं. पर ये कचरा घर बने तो है लोग कचरा भी डालते हैं' लेकिन इन कचरों को उठाया नहीं जाता कचरों से ये कचरा घर लबालब भर चुके हैं।


        वही इन कचरा घरों का कचरा उठाने के लिये शासन से ई रिक्शा वाहन पंचायतों में दिये गये हैं लेकिन जिम्मेदारो की लापरवाही से आज तक ये ई रिक्शा चालू नहीं किये गये हैं हम यह भी कह सकते हैं। कि पंचायतों के बाहर कुछ जगहों पर शो पीस बने खड़े हैं कुछ जगहों से टायर चोरी हो गये हैं और जर्जर जर्जर की स्थिति चालू होने के पहले ही नजर आ रही है तो ऐसे में कैसे स्वच्छता अभियान चल पायेगा ये पूरा मामला जिले मुख्यालय से लगी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत देवदरा है जहाँ पर आबादी भी बहुत है व नगर से लगी हुई है जहाँ पर हर ओर बदहाली की स्थिति बनी हुई है, ई रिक्शा खड़ा हुआ है जो आज तक चाल ही नहीं हुआ है अब ऐसे में पंचायत के वार्डे की गंदगी और कचरा को कैसे दूर किया जायेगा ये तो सरासर समग्र स्वच्छता अभियास को ठेंगा दिखाना साबित हो रहा है।

वहीं देवदरा पंचायत में विधायक निधि से पेयजल की आपूर्ति के लिये टैंकर उपलब्ध कराया गया था जिससे की लोगों को कार्य क्रमों के दौरान पेयजल की आपूर्ति की जा सके जिसके लिये पंचायत को टेंकर दिया गया था जो वर्षों से शमशानघाट के किनारे जीर्ण शीर्ण अवस्था में खड़ा हुआ है मानो वह मुर्दों को पानी पिला-पिलाकर थक गया हो।

       जबकि ईस ग्राम पंचायत में सरपंच पद पे एक ही परिवार पिछले 25 वर्षों से राज करते आ रहे है और लोगो की माने तो अपनी मनमानी करता चला आ रहा है। लोगों के हितो के लिये इन के पास वक्त ही नहीं मिल पाता है ये कैसी जन सेवा है । पिछले पंचवर्षीय में सरपंच रहे और वर्तमान सरपंच पति के खिलाफ बहुत सी आये दिन शिकवा शिकायत होती है पर उन शिकायतों का क्या निराकरण होता है या हुआ है आज तक लोगों को नहीं पता है। पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच पति की दबंगई या राजनैतिक पहुँच के चलते -प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही करने से डरते हैं कि कहीं हमारा ट्रासफर न हो जाये। वहीं इस ग्राम पंचायत का यह आलम है कि कहीं धूप कहीं धांव के जैसे स्ट्रीट लाइट का आलम है किसी वार्ड में दिन भर लाइटें जलती रहती है तो कहीं कई वाडों में महीनों से लाइटें बंद हैं लोग अंधेरे में ही आता जाना कर रहे हैं। लोगों ने कई बार उस बात को लेकर पंचायत भवन तक जानकारी दिये हैं तो वहाँ से लोगों को आश्वासन दिया जाता है कि कल ठीक करवा देते हैं लेकिन वह कभी ठीक नहीं होता ऐसे हैं हमारे चुने हुए जन-प्रतिनिधि इनको सिर्फ उन कामों में रुचि होती है जहाँ पर कांक्रीट रोड का निर्माण होता हो या पुलिया नाली का निर्माण होना हो वहाँ पर विशेष रूप से रुचि लेकर खड़े होकर निर्माण कार्य करते हैं जहाँ पर इनको अच्छा खासा लाभ होता है। और उन निर्माण कार्यो का भी भगवान ही मालिक है सड़क बनते देर नही होती है कि उखड़ना शुरू हो जाती है और इनके अनेक कारनामे है और स्थानीय लोगो से लेकर नगर तक आये दिन चर्चाओं में रहते है । और जांचे बहुत हुई पर इन्हें कोई फर्क नही पड़ा।


इनका कहना है- 

   शासन से मिले ई रिक्सा में खराबी होने और सामान न मिलने के कारण से बंद पड़ा है वही टैंकर को लाने हो जाने के निये ट्रेक्टर पंचायत में उपलब्ध नहीं है जिसके चलते खराब स्थिति में पड़ा है। और रही बात विद्युत की तो फाल्ट होने के कारण साइट डायरेक्ट हो जाती है।


                            श्रीमति सिया पन्द्राम, 

                       सरपंच ग्राम पंचायत देवदरा

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